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Friday, 27 December, 2024
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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सेना जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में तीन दिवसीय बर्फ महोत्सव का आयोजन करेगी

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भद्रवाह (जम्मू-कश्मीर), 14 फरवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बर्फ से ढके भद्रवाह में शुक्रवार से तीन दिवसीय ‘स्नो स्पोर्ट्स फेस्टिवल’ का आयोजन किया जाएगा, जिसका श्रेय सेना को जाता है, जो महामारी से प्रभावित पर्यटन उद्योग में जान फूंकने के प्रशासन के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए आगे आई है।

भद्रवाह स्थित सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई डोडा जिला प्रशासन और ‘जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग’ की मदद से इस मनोरम घाटी में 18 फरवरी से तीन दिवसीय बर्फ महोत्सव का आयोजन कर रही है, जिसे ‘धरती पर स्वर्ग’ के साथ समानता के चलते मिनी-कश्मीर भी कहा जाता है।

तीन दिवसीय महोत्सव से पहले ठठरी के उपमंडल मजिस्ट्रेट अतहर अमीन जरगर की देखरेख में थंथेरा, जेई घाटी, सरटिंगल और पादरी में स्नो स्लेजिंग, स्कीइंग, स्नो बोर्डिंग और स्नोमैन बनाने सहित विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। जरगर को महोत्सव का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि महोत्सव के अन्य आकर्षण में भद्रवाह के संगीत बैंड की लाइव प्रस्तुति, फोटोग्राफी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग की तरफ से लगाए गए स्टॉल, ज्यादा ऊंचाई के युद्ध स्कूल और भारतीय स्कीइंग एवं पर्वतारोहण संस्थान शामिल होंगे।

अधिकारियों के मुताबिक, तैयारियों को अंतिम रूप देने और आयोजन की सफलता के लिए भदेरवाह के अतिरिक्त उपायुक्त राकेश कुमार ने सैन्य अफसरों, नागरिक प्रशासन और पर्यटन उद्योग के अन्य हितधारकों की एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई थी।

कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘इस समय बर्फ महोत्सव आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य भद्रवाह घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देना है, जो स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी का मुख्य आधार है, जिन्होंने कोरोनो वायरस महामारी के कारण बहुत कुछ झेला है।’

उन्होंने कहा कि बर्फ महोत्सव युवाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका भी देगा।

स्थानीय लोगों ने सेना का आभार जताते हुए कहा कि यह आयोजन एक स्वागत-योग्य कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे बुरी तरह से प्रभावित पर्यटन उद्योग में जान फूंकने में मदद मिलेगी।

हालांकि, पर्यटन क्षेत्र के हितधारक भद्रवाह की पर्यटन क्षमता को उजागर करने और उसे बढ़ावा देने में भदेरवाह विकास प्राधिकरण (बीडीए) की कथित नाकामी को लेकर नाखुश थे।

स्थानीय इवेंट मैनेजर मनोज कोटवाल ने कहा, ‘सेना शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के अलावा पटरी से उतरे पर्यटन उद्योग में दोबारा जान फूंकने के लिए हर संभव प्रयास रही है, लेकिन दूसरी ओर बीडीए, जो पर्यटन उद्योग के विकास के लिए जिम्मेदार है, उसे पुनर्जीवित करने के लिए कोई भी पहल करने में नाकाम रहा है।’

इस पहल के लिए सेना और जिला प्रशासन का आभार जताते हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य (भद्रवाह पश्चिम) युद्धवीर ठाकुर ने कहा कि यह महोत्सव न सिर्फ पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके भी पैदा करेगा।

उन्होंने पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर बीडीए अधिकारियों के ‘लापरवाह’ रवैये के लिए उन पर निशाना साधा।

ठाकुर ने आरोप लगाया, ‘बीडीए की स्थापना क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को उजागर करने के लिए की गई थी, लेकिन वह पर्यटन उद्योग में जान फूंकने को लेकर गंभीर नहीं लगता है।’

हालांकि, बीडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवदीप वजीर ने इन आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनके पास पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए कोई ‘जादू की छड़ी’ नहीं है।

भाषा पारुल शाहिद

शाहिद

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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