नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) सशस्त्र बलों ने फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशॉ की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह साहस, अखंडता और रणनीतिक प्रतिभा के शाश्वत प्रतीक हैं।
‘मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ’ (एचक्यू आईडीएस) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में फील्ड मार्शल की विरासत की गाथा वाली एक क्लिप भी साझा की।
पोस्ट में कहा गया, ‘‘ फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को उनकी 17वीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए। वह फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत होने वाले भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान सैम बहादुर का दूरदर्शी नेतृत्व और सैन्य उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’’
आईडीएस मुख्यालय ने पोस्ट में कहा, भारत के पहले फील्ड मार्शल ‘‘साहस, निष्ठा और रणनीतिक प्रतिभा के शाश्वत प्रतीक हैं। उनकी विरासत आज भी जीवित है।’’
सैम मानेकशॉ को प्यार और सम्मान से सैम बहादुर भी कहा जाता था। भारतीय सेना ने भी सैम बहादुर को श्रद्धांजलि अर्पित की। दिल्ली छावनी क्षेत्र में सेना के कन्वेंशन सेंटर का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
सेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशॉ, जिन्हें सैम बहादुर के नाम से जाना जाता था भारतीय सेना के 8वें सीओएएस और पहले फील्ड मार्शल थे। 1971 के युद्ध में भारत की जीत के वास्तुकार, उनकी विरासत प्रेरणा देती है। भारतीय सेना उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करती है।’’
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