हैदराबाद, 27 मार्च (भाषा) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सशस्त्र बलों को गतिशील, स्फूर्त और तकनीकी रूप से सक्षम होना चाहिए ताकि 2047 तक ‘आत्मनिर्भरता’ के माध्यम से ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार किया जा सके। एक रक्षा विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
यहां सिकंदराबाद में रक्षा प्रबंधन कॉलेज (सीडीएम) में उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम (एचडीएमसी-20) पर समापन भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख स्तंभ और क्षेत्र में एक सुरक्षा भागीदार होना चाहिए।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनरल द्विवेदी ने भविष्य के लिए तैयार लड़ाकू बल बनने के लिए भारतीय सेना का समग्र रोडमैप दिया।
उन्होंने भविष्य की जटिल चुनौतियों का सामना करने में सक्षम तकनीकी रूप से उन्नत, अनुकूलनीय और आत्मनिर्भर बल बनने की सेना की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने परिवर्तन के पांच स्तंभों पर जोर दिया जिसमें प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, संरचनात्मक परिवर्तन, मानव संसाधन विकास और तीनों सेवाओं के बीच सामंजस्य बढ़ाना शामिल है।
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