नासिक(महाराष्ट्र), 31 मई (भाषा) भगवान हनुमान के जन्म स्थल पर विवाद को विराम देने के लिए नासिक में मंगलवार को बुलाई गई एक धर्म सभा में बैठने की व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर साधुओं के दो समूहों के बीच कहा-सुनी हो गई, जिसपर पुलिस को शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
आध्यात्मिक नेता किषकिंधा मठाधिपति स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती ने हाल में दावा किया था कि किषकिंधा(कर्नाटक के हम्पी में स्थित माना जाता है) हनुमान का जन्म स्थल था, ना कि नासिक में अंजनेरी । उनके इस दावे के बाद धर्म सभा बुलाई गई थी।
उन्होंने इस दावे से सहमत नहीं होने वालों को सबूत पेश करने को कहा था, जिसके बाद यहां के साधुओं-महंतों ने एक धर्म सभा का आयोजन करने का फैसला किया था।
हालांकि, एक शोभायात्रा का नेतृत्व करते हुए त्रयम्बकेश्वर से अंजनेरी पहुंचने की गोविन्दानंद सरस्वती की योजना का अंजनेरी के निवासियों और साधुओं ने विरोध किया, जिनका मानना है कि इससे माहौल खराब हो सकता है। दोनों स्थानों के बीच की दूरी करीब 15 किमी है।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों ने नासिक-त्रयम्बकेश्वर मार्ग को सोमवार को अवरूद्ध कर दिया ताकि गोविन्दानंद के आने पर वे अपना विरोध दर्ज करा सकें।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को, धर्म सभा बैठने की व्यवस्था को लेकर तीखी नोंकझोंक के साथ शुरू हुई और उसके बाद अन्य मुद्दों पर साधुओं ने एक दूसरे पर कटाक्ष किए।
जब एक आध्यात्मिक नेता ने खुद का परिचय दिया, तब भगवान कालाराम मंदिर के महंत सुधीरदास ने कथित तौर पर उन्हें ‘कांग्रेसी’ कहा, जिस पर दोनों समूहों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। इसके परिणामस्वरूप महंत सुधीरदास ने धमकी देते हुए माइक का एक स्टैंड उठा लिया।
कुछ प्रतिभागियों ने बताया कि इस बीच, गोविन्दानंद के समर्थकों ने दावा किया कि उन्हें सभा में अपने विचार रखने की अनुमति नहीं दी गई जिस कारण कहासुनी और तेज हो गई। स्थिति नियंत्रण से बाहर जाते देख पुलिस को शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
सभा में शरीक हुए लोगों में कैलाश स्वामी मठ के स्वामी संविदानंद सरस्वती, सच्चे गुरुजी, पुरोहित संघ प्रमुख सतीश शुक्ला शामिल थे।
कई साधुओं ने इस बात की पुष्टि की है कि धर्म सभा टाल दी गई और बाद में एक नयी तिथि की घोषणा की जाएगी।
भाषा
सुभाष पवनेश
पवनेश
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