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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशअर्द्धकुंभ को यूं ही 'महाकुंभ' नहीं कहा जा रहा, ब्रैंडिंग के पीछे है खास वजह

अर्द्धकुंभ को यूं ही ‘महाकुंभ’ नहीं कहा जा रहा, ब्रैंडिंग के पीछे है खास वजह

यूं तो कुंभ 12 साल में होता है, लेकिन सरकार ने इस अर्द्धकुंभ की तैयारी ऐसी की है, जिससे ये 2013 के कुंभ से ज्यादा बड़ा दिखाया जा सके.

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प्रयागराजः मकर संक्रांति के मौके पर संगम के तट पर कुंभ का आगाज हो गया है. देश-दुनिया से लोग इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने आ रहे हैं. जूना अखाड़ा के साथ किन्नर अखाड़ा ने भी आज पहले स्नान में लगाई डुबकी. पहले शाही स्नान पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी स्नान किया.

यूं तो ये अर्द्धकुंभ है जो दो कुंभ के बीच पड़ता है, लेकिन सरकार इसकी ब्रैंडिंग ‘महाकुंभ’ के तौर पर कर रही है. इसके पीछे की वजह इस आयोजन की भव्यता है. प्रयागराज में 2013 में कुंभ हुआ था, लेकिन इस बार जिस तरह से विशाल स्तर पर इसकी ब्रैंडिंग की गई उतने ही ऊंचे लेवल पर इसको लेकर तैयारी भी की गई है. इसी कारण इसे सबसे बड़े आयोजन के तौर पर पेश किया जा रहा है.

15 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान

मंगलवार सुबह से पहला शाही स्नान शुरू हो गया. यह 15 जनवरी से 4 मार्च तक कुल 49 दिन चलेगा. इस बार इसमें करीब 15 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है. इसमें करीब 10 लाख विदेशी नागरिक शामिल होंगे. यूपी सरकार कुंभ 2019 को अब तक का सबसे भव्य कुंभ बता रही है. इसी कारण इसकी ब्रैंडिंग ‘महाकुंभ’ के नाम से हो रही है.

सरकार के मुताबिक, पहली बार मेला क्षेत्र करीब 45 वर्ग किमी के दायरे में फैला है. पहले यह सिर्फ 20 वर्ग किमी इलाके में ही हाेता था. सरकार के मुताबिक, पहली बार मेला क्षेत्र करीब 45 वर्ग किमी के दायरे में फैला है. पहले यह सिर्फ 20 वर्ग किमी इलाके में ही हाेता था. यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कुंभ के लिए देश के छह लाख गांवों के लोगों को मुख्यमंत्री की तरफ से आमंत्रण भेजा गया है. कुंभ मेला परिसर में किसी को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने 4300 करोड़ रुपए के बजट से ऐतिहासिक काम किया है. कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बिजली की दिक्कत न हो इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय ने तीन सौ करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया है.

2019 कुंंभ मेले के शाही स्नान की तारीखें-

15 जनवरी 2019: मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान)
21 जनवरी 2019: पौष पूर्णिमा
31 जनवरी 2019: पौष एकादशी स्नान
04 फरवरी 2019: मौनी अमावस्या (मुख्य शाही स्नान, दूसरा शाही स्नान)
10 फरवरी 2019: बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान)
16 फरवरी 2019: माघी एकादशी
1 9 फरवरी 2019: माघी पूर्णिमा
04 मार्च 2019: महा शिवरात्री

ये हो रहा है पहली बार

– इस बार कुंभ को यूनेस्को ने विश्व की सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल किया है. ये पूरे देश के लिए उपलब्धि है.

– साधु-संत देहदान की घोषणा करेंगे. इस बार कुंभ में आए साधु-संत नई परंपरा की शुरुआत करने जा रहे हैं. संतों ने बताया है कि वह अपना शरीर चिकित्सा विज्ञान के लिए दान करने की घोषणा करेंगे.

-कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़े को शामिल किया गया. दरअसल, अभी तक 13 अखाड़ों को ही पेशवाई का अधिकार प्राप्त था, लेकिन पहली बार किन्नर अखाड़ों ने पेशवाई निकाली. इस अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी हैं.

-प्रशासन का दावा है कि कुंभ के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पार्किंग स्थल बनाया गया है. कुंभ में करीब 6 लाख वाहनों के लिए 1193 हेक्टेयर जमीन पर 120 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं.

-ज्योतिषविदों का कहना है कि करीब 71 साल बाद कुंभ के अवसर पर महोदय योग जैसा दुर्लभ संयोग बना है. इस दिन श्रवण नक्षत्र, व्यतिपात योग, सर्वार्थसिद्धि योग और सोमवार होने से महोदय योग बन रहा है.

ये भी हैं खास सुविधाएं

-कुंभ में इस बार 1,20,000 शौचालयों का निर्माण किया गया है और सफाईकर्मियों की संख्या दोगुनी रहेगी, ताकि स्वच्छता बरकरार रहे. पिछले कुंभ मेला में केवल 34,000 शौचालय थे.

-मेले के दौरान अपने अभिभावकों से बिछड़ने वाले बच्चों का पता लगाने के लिए यूपी पुलिस 14 साल से कम उम्र के बच्चों को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (RF ID) मुहैया कराएगी. आरएफ आईडी एक किस्म का वायरलेस संचार माध्यम है. इसमें इलेक्ट्रो मैग्नेटिक या इलेक्ट्रोस्टैटिक कफलिंग का इस्तेमाल होता है. यह किसी व्यक्ति या वस्तु की पहचान में सहायक होता है.

– कुंभ मेले में 15 आधुनिक एकीकृत डिजिटल खोया-पाया केन्द्र बनाए गए हैं.

-10 सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट्स बनाए गए हैं, जिससे गंभीर रोगियों का उपचार भी किया जा सके. 40 बेड का एक ट्रॉमा सेंटर बनाया गया है. मेले में 300 से अधिक डॉक्टर्स की तैनाती की गई है.

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