नई दिल्ली: ‘लिपस्टिक लगाने वाले, दिल को जलाने वाले, अब चूल्हा जला रहे हैं’ – लॉकडाउन के दौरान ऑफिस का काम करते-करते घर का काम निपटाते सभी लोग 1952 के गीत की इन पंक्तियों से इक्तेफ़ाक रखते होंगे. मूल रूप से फिल्म श्रीमतिजी के इस गीत का इस्तेमाल अब एक वीडियो में किया जा रहा है, जिस से इसकी लोकप्रियता और बढ़ गयी है.
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के आर्किटेक्ट के एक समूह द्वारा निर्मित एक ब्लैक एंड व्हाइट वीडियो में पांच महिलायें इस गाने पर अभिनय और नृत्य करते हुए ‘लॉकडाउन’ के अपने दुःख को बड़े मजेदार तरीके से साझा कर रही हैं.
इस विडियो का संपादन और संकलन करने वाली शिल्पी तिवारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘हममें से कुछ लोग कुछ दिलचस्प करने और एकरसता को तोड़ने के बारे में सोच रहे थे. शुरू में, हमने सोचा था कि हम एक गाने वाला वीडियो बनाएंगे क्योंकि हमारे समूह में कई लोग गायक हैं.’
‘तभी तब हमारी टीम की दो सदस्यों ने इस गीत की खोज की और हमने फैसला किया कि हम इस पर एक वीडियो बनाएंगे. हमने कुछ विचार-मंथन किया और पूरा वीडियो बनाने में मुश्किल से एक या दो दिन लगे.’ तिवारी ने बताया.
वीडियो में मांडवी कुलश्रेष्ठ, मीना मूर्ति, सीमा बाली, काकोली मुखर्जी और श्रुति डिमरी हैं, जो सभी आर्किटेक्ट हैं और देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों में रहती हैं.
लॉकडाउन सभी के लिए कठिन रहा है,यह स्वीकार करते हुए, मीना मूर्ति ने कहा कि यह लोगों के लिए आत्मनिरीक्षण और संचार का भी समय है, ‘कला उसी का परिणाम है, अब यह हमारे ऊपर है कि हम किसी भी स्थिति को कैसे देखते हैं.’
वहीं मांडवी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि रचनात्मकता ही वह चीज है जो रोबोट की दुनिया में हम मनुष्यों को प्रासंगिक बनाए रखेगी.
बकौल काकोली मुखर्जी, इस मुश्किल भरे हालातों में ये वीडियो बनाना मजेदार रहा. दूसरी ओर सीमा बाली ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘मैं केवल विशाल भारद्वाज के बुलावे का इंतजार कर रही हूं.’
वीडियो काम कर रहे पेशेवरों, विशेष रूप से आर्किटेक्ट और उन्हीं के कॉलेज से पढ़े लोगों के बीच के बीच यह हिट हो चुका है, तिवारी ने कहा.
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