नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) कांग्रेस ने अपने संगठन में नयी जान फूंकने और जिला अध्यक्षों को अधिक शक्तियां प्रदान करने के मकसद से शुरू किए ‘संगठन सृजन’ अभियान के तहत शनिवार को गुजरात में 40 जिला एवं शहर इकाइयों के अध्यक्षों की नियुक्ति की।
पार्टी ने इस अभियान की शुरुआत गुजरात से की। दो महीने से अधिक समय की कवायद और मंथन के बाद ये नियुक्तियां की गईं।
मुख्य विपक्षी दल का कहना है कि वर्ष 2027 के गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को तैयार करने की दिशा में यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।
कांग्रेस अगले कुछ महीनों के भीतर इस अभियान के तहत अन्य राज्यों में भी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की कवायद शुरू करेगी। इस अभियान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पर्यवेक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) ने तत्काल प्रभाव से गुजरात में जिला और शहर कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) अध्यक्षों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। ये नियुक्तियां ‘संगठन सृजन’ अभियान के तहत एक गहन संगठनात्मक कवायद का परिणाम हैं।’’
उन्होंने कहा कि बूथ से जिला स्तर तक पार्टी संरचना को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू किया गया अभियान पारदर्शी, समावेशी और विचारधारा आधारित नेतृत्व चयन पर केंद्रित है।
इस साल 12 अप्रैल को 43 एआईसीसी पर्यवेक्षकों और 183 पीसीसी पर्यवेक्षकों को गुजरात के सभी जिलों की जिम्मेदारी दी गई थी।
इसके बाद एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने पीसीसी पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर सभी 26 लोकसभा क्षेत्रों, 182 विधानसभा क्षेत्रों और लगभग सभी 235 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के साथ मंथन किया। उन्होंने संगठनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र का आकलन करने के लिए सार्वजनिक संवाद, आमने-सामने की बैठकों और संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं, नागरिक समाज और स्थानीय समुदायों के साथ बातचीत की।
वेणुगोपाल ने कहा कि नवनियुक्त डीसीसी अध्यक्ष गुजरात की सामाजिक और क्षेत्रीय विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें जमीनी स्तर पर उनके जुड़ाव, वैचारिक स्पष्टता एवं संगठनात्मक क्षमता के लिए चुना गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के निर्देशन और निगरानी में आयोजित यह अभ्यास 2027 के गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भाषा हक जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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