नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 2019 में पिकनिक पर ले जाने के बहाने 13 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के मामले में निचली अदालतों द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाले दो दोषियों की अपील को खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दोषियों संजय पैकरा और पुस्तम यादव की अपील को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त, 2024 को पैकरा, यादव और तीसरे आरोपी स्कूल वैन चालक संतोष कुमार गुप्ता को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत कक्षा सातवीं की छात्रा का अपहरण और उससे बलात्कार करने के अपराध में दोषी ठहराने वाले निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
पीठ ने दोनों दोषियों की अपील को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यह एक बहुत ही गंभीर मामला है। आपने वैन चालक के साथ मिलकर एक नाबालिग स्कूली छात्रा का अपहरण किया और उसके साथ बलात्कार किया। हमें किसी तरह की रियायत की जरूरत नहीं है। अपील खारिज की जाती है।’’
पीठ इस दलील से सहमत नहीं थी कि लड़की की रजामंदी थी और जब उसे एकांत कारावास में रखा गया था, तब उसने कोई शोर नहीं मचाया।
पीठ ने कहा, ‘‘वह नाबालिग है। यह साबित हो चुका है और किसी चीज की जरूरत नहीं है।’’
निचली अदालत ने 5 अक्टूबर, 2021 को तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया था और उन पर पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
अपहरण सहित अन्य अपराधों के लिए उन्हें अलग-अलग जेल की सजा भी सुनाई गई।
पीड़िता और उसकी मां ने 18 नवंबर, 2019 को पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
भाषा वैभव मनीषा
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