लखनऊ, 15 जुलाई (भाषा) अपना दल (कमेरावादी) के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार द्वारा राज्य में प्राथमिक विद्यालयों के विलय के फैसले के खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन किया और फैसले को रद्द करने की मांग की।
अपना दल (कमेरावादी) की वरिष्ठ नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) के निशान से 2022 में सिराथू से विधायक चुनी गईं पल्लवी पटेल के नेतृत्व में, प्रदर्शनकारी दोपहर में यहां लालबाग स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की ओर कूच किया। प्रदर्शनकारियों को भारी पुलिस बल और बैरिकेड लगाकर दारुल शफा के पास रोक दिया गया।
इसके बाद, पार्टी प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों ने ‘‘भाजपा सरकार शर्म करो – शिक्षा पर हमला बंद करो’’, ‘‘शराब की दुकान गली-गली, स्कूल-गांव से दूर चली’’ और ‘‘विलय नहीं सुधार चाहिए, हर गांव को फिर से स्कूल चाहिए’’ जैसे नारे लगाते हुए, राज्य की शिक्षा नीति के प्रति गहरा रोष व्यक्त किया।
सभा को संबोधित करते हुए पल्लवी पटेल ने कहा, ‘‘प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने और उनका विलय करने का भाजपा सरकार का निर्णय ग्रामीण शिक्षा के आधारभूत ढांचे पर सीधा हमला है। यह गरीबों और हाशिए के समुदायों के बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीनने की एक सोची-समझी चाल है।’’
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि हर बच्चे को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है, जिसके एक किलोमीटर के दायरे में एक प्राथमिक विद्यालय और तीन किलोमीटर के दायरे में एक उच्च प्राथमिक विद्यालय होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का यह कदम न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि असंवैधानिक भी है।’’
उन्होंने दावा किया, “भाजपा का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा अब पूरी तरह से बेनकाब हो गया है।”
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य भर में पचास से कम विद्यार्थियों वाले सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को पास के विद्यालयों में विलय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य के 1.3 लाख सरकारी प्राथमिक स्कूलों में से 10,000 से अधिक स्कूलों का निकटवर्ती स्कूलों में विलय करने की प्रक्रिया चालू है।
भाषा आनन्द राजकुमार
राजकुमार
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