कोलकाता, 16 मार्च (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुव्रत मंडल ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के उस आदेश को उसकी खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी, जिसमें पशु तस्करी के एक मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष व्यक्तिगत पेशी से उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
मंडल के वकीलों ने पीठ के समक्ष दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को कई बीमारियां हैं। उन्होंने अनुरोध किया था कि सीबीआई को बीरभूम जिले के बोलपुर में उनके आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उनसे पूछताछ करने का निर्देश दिया जाए।
मंडल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और वकील संजीब दान ने कहा कि वह मामले में आरोपी नहीं हैं और जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
वहीं, सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने अदालत के समक्ष कहा कि मंडल ने दावा किया है कि बीमार होने के कारण कोलकाता में सीबीआई के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हो सकते, लेकिन उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते देखा गया है।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने 11 मार्च को मंडल की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें मामले के संबंध में सीबीआई द्वारा किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।
इसी, आदेश को तृणमूल कांग्रेस के नेता ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ में चुनौती दी है।
भाषा निहारिका अनूप
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