मुंबई, चार मार्च (भाषा) मुंबई में एनआईए की एक विशेष अदालत ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक मिलने के मामले में गिरफ्तार बर्खास्त पुलिसकर्मी रियाजुद्दीन काज़ी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उसे अंबानी के घर के पास विस्फोटक रखने की साजिश की जानकारी थी।
अदालत ने कहा कि काज़ी ने सह आरोपी सचिन वाजे के कहने पर सबूत मिटाए और इस तरह उसने गैर कानून रोकथाम गतिविधि अधिनियम (यूएपीए) के तहत किए गए जुर्म में मदद की।
विशेष न्यायाधीश एटी वानखड़े ने एक मार्च को काज़ी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और विस्तृत आदेश शुक्रवार को उपलब्ध हुआ।
मामले में एक अन्य आरोपी बर्खास्त पुलिस कर्मी वाजे के साथ काम कर चुका काज़ी उस वक्त मुंबई में अपराध खुफिया इकाई में तैनात था जब अंबानी के घर एंटीलिया के पास एक कार से विस्फोटक बरामद हुए थे।
उसे सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि काज़ी के वकील ने दलील दी थी कि इस तरह के कोई सबूत नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि आवेदक ने वाजे के साथ मिलकर साज़िश रची थी।
अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्री से पहली नज़र में लगता है कि आरोपी ने सह आरोपी वाजे के साथ मिलकर साजिश रची थी।
काज़ी की भूमिका पिछले साल 13 मार्च को वाजे की गिरफ्तारी के बाद पता चली। मामले में अन्य आरोपी पूर्व ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा और पूर्व पुलिस कर्मी विनायक शिंदे और सुनील माणे हैं।
पिछले साल 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर के पास से एक कार से विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। मनसुख हिरन ने दावा किया था कि कार चोरी होने से पहले उसके कब्जे में थी और इसके कुछ दिन बाद ही वह पांच मार्च को ठाणे में मृत मिला था।
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नोमान नरेश
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