नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके का बयान दर्ज करने का काम पूरा कर लिया।
विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह के समक्ष पेश होकर उन्होंने दावा किया कि उन्हें एक पेन ड्राइव मिली है, जिसमें कथित तौर पर टाइटलर की आवाज की रिकॉर्डिंग है, जिसमें वह दंगों में अपनी भूमिका स्वीकार कर रहे हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि मामला मंजीत सिंह जीके से आगे की प्रतिपृच्छा (क्रॉस-एग्जामिनेशन) के चरण में है।
अब इस मामले की सुनवाई चार जून को होगी।
सिंह ने दावा किया कि 2018 में उनके घर पर एक लिफाफा मिला था, जिसमें एक पत्र और पेन ड्राइव थी, जिसे उन्होंने बाद में मामले की जांच कर रहे केंन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया।
सिंह ने कहा कि अदालत में मौजूद टाइटलर ने मामले के एक गवाह को धमकाया।
वह 21 अप्रैल को अपना बयान दर्ज कराएंगे।
यह मामला 1984 में राष्ट्रीय राजधानी स्थित गुरुद्वारा पुल बंगश में तीन लोगों की हत्या से जुड़ा है।
न्यायाधीश ने 12 नवंबर, 2024 को बादल सिंह की पत्नी लखविंदर कौर का बयान दर्ज करने की कवायद पूरी कर ली थी। बादल सिंह की दंगों के दौरान गुरुद्वारा पुल बंगश में भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।
अदालत ने पिछले साल 13 सितंबर को टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य अपराधों में आरोप तय किए थे।
भाषा
देवेंद्र रंजन
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