आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से जुड़े एक प्रोफेसर के खिलाफ शोध छात्रा के यौन शोषण के आरोपों में एफआईआर और अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद, अब उसी यूनिवर्सिटी से संबद्ध आगरा कॉलेज के एक और प्रोफेसर पर छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
दोनों — सहयोगी प्रोफेसर और शोध छात्रा इतिहास विषय से जुड़े हैं और 1823 में स्थापित इस कॉलेज में हैं.
छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर उन्हें रात में फोन करते हैं, आपत्तिजनक मैसेज भेजते हैं और कॉलेज में भी गंदी टिप्पणियां करते हैं. उन्होंने इन चैट्स को कॉलेज मैनेजमेंट को बतौर सबूत सौंपा है.
दिप्रिंट से बातचीत में प्रोफेसर ने सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है तथा उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया.
बुधवार को आगरा के संभागीय आयुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में कॉलेज प्रबंधन समिति की बैठक हुई, जिसमें इस मामले पर चर्चा की गई. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के POSH कानून के दिशा-निर्देशों के तहत प्रोफेसर मृणाल शर्मा की अध्यक्षता में एक आंतरिक जांच समिति गठित की गई है.
समिति को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जाएगा. फिलहाल, इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
सिंह ने दिप्रिंट को बताया, “कॉलेज प्रबंधन समिति ने छात्रा की शिकायत पर चर्चा की है. आंतरिक जांच समिति को जांच कर रिपोर्ट देने का जिम्मा सौंपा गया है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.”
दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार, छात्रा के परिवार ने भी प्रोफेसर के खिलाफ कॉलेज मैनेजमेंट को शिकायत दी है.
कॉलेज के एक अन्य शिक्षक, जिन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बात की, उन्होंने कहा कि छात्रा पिछले 18 महीनों से इतिहास विषय की पढ़ाई कर रही है. आरोपी प्रोफेसर भी उसी विषय में अध्ययन कर रहे हैं — दोनों प्रोफेसर निशा राठौर के अधीन हैं, जो इतिहास विभाग की प्रमुख हैं.
शिक्षक ने बताया कि आरोपी प्रोफेसर को इस साल मई में इतिहास विभाग के प्रमुख पद से हटा दिया गया था, जब शिक्षकों और छात्रों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी. इसके बाद प्रोफेसर निशा राठौर को विभागाध्यक्ष बनाया गया.
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