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गुरूवार, 22 मई, 2025
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अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास निगम प्रमुख ने ऋण वितरण में अनियमितता का आरोप लगाया

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मुंबई, 22 मई (भाषा) अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास निगम के अध्यक्ष नरेंद्र पाटिल ने बृहस्पतिवार को निकाय की ऋण वितरण योजना में अनियमितता की गतिविधियों को चिह्नित किया और लाभार्थियों को गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी सहयोगी पाटिल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “आशय पत्र को तेजी से जारी करने की आड़ में कुछ लोग लाभार्थियों से पैसे ऐंठ रहे हैं। यह अस्वीकार्य है और कार्रवाई की जानी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि वे कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को एक औपचारिक प्रतिनिधित्व सौंपेंगे।

पाटिल ने कहा कि उन्होंने ऐसे मामलों के प्रकाश में आने के बाद व्यक्तिगत रूप से कराड में शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने कहा, “फडणवीस की महत्वकांक्षी योजना का दुरुपयोग गंभीर चिंता का विषय है। इस योजना को मराठा समुदाय के वंचित युवाओं के बीच स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। गरीबों को धोखा देने के लिए योजना के नाम का दुरुपयोग करना इसके मूल उद्देश्य को ही नष्ट कर देता है।”

पाटिल ने कहा, “मैं यह स्पष्ट कर दूं कि इस योजना के तहत किसी भी लाभार्थी को किसी भी प्रमाण पत्र या आशय पत्र के लिए भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। हमारे सभी संचालन ऑनलाइन और पारदर्शी हैं। जिलाधिकारियों को केंद्र सरकार के तहत आने वाले कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के लाइसेंस रद्द करने चाहिए, जो आवेदकों से कथित तौर पर पैसे लेने में शामिल हैं।”

पाटिल ने बताया कि अब तक 1.38 लाख से अधिक लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है, जिन्हें 11,000 करोड़ रुपये का ऋण मिला है और इसमें से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज के रूप में चुकाए गए हैं।

उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे इस योजना की पहुंच बढ़ी है, वैसे-वैसे इसका फायदा उठाने की कोशिश करने वाले धोखेबाजों की संख्या भी बढ़ी है। लोगों को सतर्क रहना चाहिए। अगर किसी के साथ धोखाधड़ी होती है, तो उन्हें तुरंत इसमें शामिल लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करानी चाहिए।”

भाषा जितेंद्र सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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