बेंगलुरु, एक जून (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि पशुओं की बलि देने वाला ‘शत्रु भैरवी यज्ञ’ नामक अनुष्ठान केरल के राजराजेश्वर मंदिर में नहीं, बल्कि पास के एक निजी स्थान पर किया गया।
इस बीच, केरल सरकार ने दोहराया कि राज्य के उत्तरी हिस्से में किसी मंदिर के पास कोई पशु बलि नहीं दी गई, जैसा कि शिवकुमार ने दावा किया था।
शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उन्हें, कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और राज्य की कांग्रेस सरकार को निशाना बनाकर ‘शत्रु भैरवी यज्ञ’ केरल के राजराजेश्वर मंदिर के पास किया जा रहा है।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने किसी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि राज्य में कुछ राजनीतिक लोग इसे करवा रहे हैं और इसके लिए अघोरियों से सलाह ली जा रही है।
केरल सरकार द्वारा उनके (शिवकुमार के) दावों की जांच किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में शिवकुमार ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘मैं आपको बता रहा हूं, मंदिर के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है…मैंने यह नहीं कहा कि मंदिर में कोई अनुष्ठान हुआ था। मंदिर में कुछ भी नहीं हुआ है, मैं जानता हूं। यह मंदिर के पास ही एक निजी स्थान है, जहां कुछ हुआ है। मुझे यही जानकारी मिली है।’
सटीक स्थान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं खुलासा नहीं करना चाहता। उस (अनुष्ठान) में शामिल एक पुजारी ने मुझे कुछ जानकारी दी है। मैं राजराजेश्वर मंदिर गया हूं…मुझे पता है कि पहले मंदिर में कुछ प्रथाएं थीं, लेकिन अब वे मंदिर में नहीं हो रही हैं। लेकिन उनमें से कुछ लोग इसे (बाहर) करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें (सरकार को) जांच करने दें। मुझे बहुत सी चीजें पता हैं, लेकिन मैं चीजों का खुलासा नहीं करना चाहता।’
उन्होंने कहा, ‘मैं केरल के सभी मंदिरों का सम्मान करता हूं, यह भगवान की अपनी भूमि है। हम उनका सम्मान करते हैं। कुछ लोगों ने गलत समझा है। मैं केरल या देश में कहीं भी किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता।’
केरल के देवस्वओम मंत्री के. राधाकृष्णन ने शनिवार को कहा, ‘हमने दावे की जांच की और मालाबार देवस्वओम बोर्ड से भी संपर्क किया। हमें जो प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है, उसमें कहा गया है कि मंदिर में या उसके आसपास ऐसा कुछ नहीं हुआ है। देवस्वओम बोर्ड ने भी इसकी पुष्टि की है।’
शिवकुमार के बयान के अनुसार, उन्हें बताया गया कि ‘शत्रु संहार’ के लिए ‘शत्रु भैरवी यज्ञ’ किया जा रहा है। उनके अनुसार, ‘‘इस यज्ञ के लिए ‘पंच बलि’ (पांच प्रकार की बलि) दी जा रही है…21 बकरियां, तीन भैंसें, 21 काली भेड़ें, पांच सूअर…अघोरियों से संपर्क किया जा रहा है। यह चल रहा है।’
भाषा अमित रंजन
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