नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियों के गठन संबंधित दो नए कानूनों पर यथास्थिति कायम रखने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह ने उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश में दखल देने से इनकार करते हुए इस मामले का शीघ्र निपटारा करने को कहा.
आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने दलील दी कि न्यायपालिका यह तय नहीं कर सकती कि कार्यपालिका कहां से काम करेगी.
पीठ को बताया गया कि मुख्य मामला आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ के समक्ष लंबित है, जिसपर बृहस्पतिवार से सुनवाई होगी.
द्विवेदी ने कहा, ‘इससे सबकुछ ठहर गया है. इस संबंध में कई तैयारियां की जानी हैं. कई कदम उठाए जाने हैं. ऐसा कभी नहीं हुआ कि न्यायपालिका ने यह तय किया हो कि कार्यपालिका कहां से काम करेगी.’
राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण को खत्म करने और विकेन्द्रीकृत विकास के लिये तीन राजधानियों के गठन से संबंधित राजपत्रित अधिसूचनाओं के कार्यान्वय पर बिना किसी कारण के रोक लगाने का आदेश जारी किया है.
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने चार अगस्त को, राज्य के लिये तीन राजधानियों के गठन को मंजूरी देने वाले दो नए कानूनों पर यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था.