कोनासीमा (आंध्र प्रदेश), 15 जुलाई (भाषा) कोनासीमा जिले के सिवाकोदु गांव में तालाब के किनारे बने बोरवेल में लगी आग पर पुलिस, अग्निशमण दल और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के अधिकारियों ने काबू पा लिया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि आग को बुझाने के बाद 350 फीट गहरे बोरवेल को सीमेंट से पाट दिया गया।
कोथापेट उपसंभागीय पुलिस अधिकारी के. वी. रमन ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ओएनजीसी अधिकारियों ने आग बुझाने के लिए पानी और रेत का इस्तेमाल किया। शुरू में आग बुझाने के बजाए अधिकारियों ने उसे कुछ देर भड़कने दिया ताकि बोरवेल में मौजूद गैस आसानी से बाहर निकल जाए।’’
उन्होंने कहा कि आग की घटना में किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है क्योंकि वहां न तो कोई व्यक्ति मौजूद था और न ही कोई पेड़-पौधे। पुलिस के मुताबिक, आग रजोल मंडल में मानव बस्तियों से दूर एक पुराने बोरवेल में लगी।
पुलिस ने कहा कि आग उस वक्त लगी जब बहुत समय के बाद एक जलजीव विशेषज्ञ ने बोरवेल को इस्तेमाल करना चाहा।
कोनासीमा जिले के पुलिस अधीक्षक पी. श्रीधर ने कहा, ‘‘यह बोरवेल एक तालाब के किनारे स्थित है। यह एक बहुत पुराना बोरवेल है। जब किसानों ने पुराने बोरवेल को चालू किया तो पहले पानी आया और बाद में गैस आनी शुरू हो गई।’’ पुलिस के मुताबिक, एक तकनीकी टीम आग के कारणों और गैस के स्त्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रही है। दल के अधिकारी यह जांचने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या किसानों ने किनारे पर ताजे उपले रखे थे या फिर कोई और वजह थी।
पश्चिम गोदावरी जिले में नरसापुर के रुस्तमबाद गांव में तैनात ओएनजीसी की टीम ने भी आग बुझाने में मदद की।
श्रीधर ने कहा कि तालाब के आस-पास ओएनजीसी की कोई पाइपलाइन नहीं थी लेकिन आग के संभावित कारणों में से एक गैस रिसाव (आमतौर पर ड्रिलिंग के दौरान दबाव में बदलाव की वजह से बोरवेल में गैस का बनना) हो सकता है।
भाषा जितेंद्र धीरज
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