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Friday, 18 October, 2024
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अनंत टेक्नोलॉजीज ने अंतरिक्ष ‘डॉकिंग’ प्रयोग के लिए इसरो को दो उपग्रह सौंपे

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नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) हैदराबाद स्थित अनंत टेक्नोलॉजीज ने शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को 400 किलोग्राम वर्ग के दो उपग्रह सौंपे, जो इस साल के अंत में एजेंसी द्वारा नियोजित अंतरिक्ष ‘डॉकिंग’ प्रयोग का हिस्सा होंगे।

अंतरिक्ष ‘डॉकिंग’ प्रयोग के तहत अंतरिक्ष में दो अलग-अलग अंतरिक्ष यानों को आपस में जोड़ा जाएगा।

उपग्रहों को दिसंबर में पीएसएलवी-सी60 मिशन के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा और यह भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन तथा चंद्रयान-4 मिशन जैसे भविष्य के अभियानों के लिए एक छलांग साबित होगा, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की चट्टान और इसकी मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर लाना है।

मिशन के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) रॉकेट का निर्माण भी तिरुवनंतपुरम स्थित अनंत टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (एटीएल) की इकाई में किया जा रहा है।

उपग्रहों को इसरो के यूआर राव उपग्रह केंद्र के निदेशक एम शंकरन की उपस्थिति में बेंगलुरु के केआईएडीबी एयरोस्पेस पार्क स्थित एटीएल प्रतिष्ठान में सौंपा गया।

एटीएल के अध्यक्ष डॉ. सुब्बा राव पवुलुरी ने कहा, ‘‘यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रति एटीएल की दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’’

पवुलुरी ने कहा कि एटीएल वर्ष 2000 से इसरो के लिए इलेक्ट्रॉनिक उप-प्रणालियों का निर्माण कर रही है और पिछले दो दशकों से प्रत्येक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का अभिन्न अंग है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना में 100 से अधिक उच्च प्रशिक्षित इंजीनियर और तकनीशियन शामिल हैं, जिससे यह भारत में किसी निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा अब तक की सबसे परिष्कृत उपग्रह एकीकरण परियोजना बन गई है।

कंपनी छोटे उपग्रहों के लिए सौर पैनल का डिजाइन और निर्माण करती है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को निर्यात किया गया है।

एटीएल तिरुवनंतपुरम में इसरो के पीएसएलवी के लिए एकीकरण सेवाएं भी दे रही है। इसने अब तक 10 पीएसएलवी पर काम पूरा कर लिया है।

भाषा नेत्रपाल अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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