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Friday, 22 November, 2024
होमदेशयूपी के एक करोड़ रुपये के टीचर घोटाले में नया मोड़, 'असली आरोपी' अनामिका शुक्ला का दावा वो बेरोजगार है

यूपी के एक करोड़ रुपये के टीचर घोटाले में नया मोड़, ‘असली आरोपी’ अनामिका शुक्ला का दावा वो बेरोजगार है

कथित घोटाला पिछले हफ्ते मीडिया रेपोर्टो के बाद सामने आया. इसमें कहा गया की अनामिका शुक्ला नामक शिक्षिका 25 जगह से तनख़्वाह पा रही थी

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लखनऊ : यूपी में 25 स्कूलों में एक साथ पढ़ाने का आरोप झेल रही अनामिका शुक्ला मंगलवार को गोंडा जिले में मीडिया के सामने आईं और खुद को बेरोजगार बताया. गोंडा बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति के सामने पेश होकर उन्होंने अपने डाॅक्यूमेंट दिखाए और कहा कि उसने वर्ष 2017 में नौकरी के लिए आवेदन जरूर किया था मगर उसका बच्चा छोटा होने की वजह से उसने नौकरी ज्वाइन ही नहीं की थी.

पिछले कई दिनों अनामिका शुक्ला के नाम से यूपी के शिक्षा जगत में बड़े फ्रॉड का खुलासा हुआ था लेकिन आज पता चला की जिसकी डिग्री पर एक दो नहीं बल्कि एक साथ कई लड़कियां नौकरी कर रही हैं वह कोई नौकरी ही नहीं करती है.

इस पूरे घोटाले में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया और घोटाले से प्रभावित विभिन्न जिलों में नौ प्राथमिकी दर्ज कीं हैं. गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में एक शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर लड़कियों ने कस्तूरबा गांधी स्कूलों में प्रॉक्सी नियुक्तियां हासिल की थी.

हालांकि इससे पहले मंगलवार को मीडिया से बातचीत में, यूपी के प्राथमिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने दावा किया था कि ‘असली अपराधी अनामिका शुक्ला’ को गिरफ्तार किया जाना बाकी है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

कथित घोटाला पिछले हफ्ते मीडिया रेपोर्टो के बाद सामने आया. इसमें कहा गया की अनामिका शुक्ला नामक शिक्षिका 25 जगह से तनख़्वाह पा रही थी.

जांच जारी है

दिप्रिंट से बातचीत में बीएसए इन्द्रजीत प्रजापति ने बताया, ‘एक महिला जो खुद को असली अनामिका शुक्ला बता रही है वह खुद आज डाॅक्यूमेंट लेकर कार्यालय आई. उसके डाॅक्यूमेंट्स में डेट ऑफ बर्थ, पिता के नाम से पता चला कि इसके नाम पर कई जगह फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अनामिका ने कोतवाली में पुलिस के समक्ष भी कंप्लेंट दर्ज करा दी है. वहीं हमने भी डायरेक्टर एजुकेशन को इस बारे में रिपोर्ट दे दी है. इसमें कौन असली दोषी है ये तो जांच में सामने आएगा.’

अनामिका ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘उसके डाक्यूमेंट का चोरी से इस्तेमाल कर कई जगह नौकरी करने के मामले सामने आने के बाद गांव वाले उसे ताने देने लगे थे.’ इसी के चलते मंगलवार को वह बीएसए कार्यालय पहुंची.

अनामिका ने बताया, ‘ 2017 में साइंस टीचर के लिए सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर व लखनऊ जिले के लिए आवेदन किया था. उनका बच्चा छोटा होने की वजह से किसी भी जिले के काउंसलिंग में भाग लेने नहीं गई.’

अनामिका ने अपने डाक्यूमेंट्स का फर्जी दुरुपयोग कर नौकरी हथियाने वालों पर केस चलाए जाने की तहरीर गोंडा कोतवाली में दी है.

यूपी स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें गोंडा एपिसोड का पता चला है. अभी जांच चल रही है उसके बाद ही वह कुछ कह पाएंगे.

आनंद के मुताबिक,  ‘सभी 25 कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों में ‘अनामिका शुक्ला’ नाम की शिक्षिका के डाॅक्यूमेंट लगा प्राॅक्सी टीचर (नाम बदलकर) ड्यूटी कर रहे थे और सैलरी ले रहे थे.’

‘डिजिटल डेटाबेस के जरिए बीते शुक्रवार इसका खुलासा हुआ. इसके बाद शनिवार को पुलिस ने कासगंज में एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया जो बागपत जिले में अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी कर रही थी.’ उन्होंने बताया.

पुलिस ने जब इस मामले में उससे पूछताछ की तो महिला ने अपना नाम प्रिया सिंह बताया. उसके डाॅक्यूमेंट चेक किए गए तो उसमें नाम सुप्रिया सिंह निकला. वह शिक्षक बनने के लिए एलिजिबल थी भी या नहीं इसकी भी जांच चल रही है. ऐसे में रायबरेली, प्रयागराज समेत 9 अलग- अलग जिलों में इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है जहां ‘अनामिका शुक्ला’ नाम से पोस्टिंग थी.

कासगंज पुलिस ने बीते शनिवार हिरासत में ली गई आरोपी शिक्षिका को सोमवार को जिला न्यायालय में पेश किया था, जहां से मिले आदेश पर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इस मामले में पुलिस की टीमें जांच के लिए कई जगहों पर भेजी गई हैं. जांच चल रही है, पूछताछ में जिन लोगों के संपर्क फर्जी शिक्षिका के मामले में पता चले हैं उन्हें चिह्नित कर जांच की जा रही है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, यूपी के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अनामिका शुक्ला नाम की कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड टीचर पिछले 13 महीनों से 25 अलग-अलग स्कूलों से सैलरी लेती रही. लेकिन शिक्षा विभाग में किसी को इसकी जानकारी तक नहीं लगी. इस शिक्षक ने लगभग एक करोड़ से अधिक रुपए कमा लिए. इसका खुलासा तब हुआ जब शिक्षकों का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया गया. तब विभाग के अधिकारियों को पता चला कि अनामिका शुक्ला नामक अध्यापिका तो यूपी में आंबेडकरनगर, प्रयागराज के साथ सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़ समेत कई जिलों के 25 विभिन्न स्कूलों में पढ़ा रही है.


यह भी पढ़ें : यूपी में शिक्षिका ने 25 स्कूलों से 13 महीने तक एक साथ सैलरी लेकर लगाई एक करोड़ की चपत, हो रही जांच


रायबरेली के बीएसए आनंद प्रकाश ने इस मामले में जिले के अधिकारियों से अपना डेटाबेस भी खंगालने को कहा तो पता चला कि इस शिक्षिका की तैनाती रायबरेली के बछरावां में भी हुई थी.

8 मार्च 2019 को इनकी नियुक्ति हुई थी. लेकिन अभी तक ये फ्राॅड कैसे हुआ इसकी जांच चल रही है. शिक्षिका को 22 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जा रही थी. जब डेटाबेस में शिक्षिका का जो नंबर था उस पर संपर्क किया गया तो वॉट्सऐप के माध्यम से उसने अपना इस्तीफा भेज दिया.

इसी तरह प्रयागराज में जब जांच हुई तो पता चला कि अनामिका शुक्ला सोरांव तहसील में पोस्टेड थी. अनामिका ने 23 नवंबर 2019 से मार्च 2020 तक विद्यालय में ड्यूटी की थी. लाॅकडाउन के बाद से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. लेकिन आज एक बार मामला तब पलट गया जब एक और अनामिका शुक्ला सामने आईं और खुद को असली बताया और कहा कि वह तो नौकरी ही नहीं करती हैं.

बिना अधिकारियों की मिली भगत के कैसे चलता रहा खेल?

अनामिका शुक्ला कांड से ये सवाल उठ रहे हैं कि बिना अधिकारियों की जानकारी के 13 महीनों तक कैसे 25 स्कूलों में एक ही शिक्षक के नाम पर पोस्टिंग होती गई. शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो बिना अधिकारियों के मिली भगत के ‘प्राॅक्सी टीचर की पोस्टिंग कैसे संभव’ है.

सूत्र ने यह भी कहा, ‘एक ही टीचर के डाॅक्यूमेंट के आधार पर 25 जगह अलग-अलग लोग कैसे पढ़ा रहे थे, क्या वे शिक्षक बनने के लिए क्वालिफाइड भी थे या मिली भगत कर केवल सैलरी ले रहे थे.’

सभी स्कूलों की होगी जांच

इस मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा,  प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षकों की जांच होगी. उनके मुताबिक, ‘अभी जांच चल रही लेकिन कुछ बातें सामने आई हैं अभी पूरी जांच का इंतजार है.’

वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ( एडीजी कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बीते सोमवार को दिप्रिंट से कहा था कि अभी शिक्षा विभाग इंटरनल जांच कर रहा है, जिला स्तर पर पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है. अगर आवश्यकता पड़ी तो हम विशेष सेल इसकी जांच के लिए बना सकते हैं. अभी जिला स्तर पर मामले की जांच चल रही है.

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