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Friday, 3 May, 2024
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हिंदी के लिए अनामिका और कन्नड़ के लिए वीरप्पा मोइली को मिलेगा साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी ने पुरस्कार देने के लिए सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक संस्मरण और एक महाकाव्य का चयन किया है. कन्नड़ में महाकाव्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने लिखा है.

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नई दिल्ली: साहित्य अकादमी ने हिंदी में कविता संग्रह के लिए अनामिका और कन्नड़ में महाकाव्य लिखने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली को वर्ष 2020 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की शुक्रवार को घोषणा की.

साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने एक बयान में बताया कि अकादमी ने 20 भाषाओं के लिए अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की है. अकादमी ने पुरस्कार देने के लिए सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक संस्मरण और एक महाकाव्य का चयन किया है.

उन्होंने बताया कि वीरप्पा मोइली को उनके महाकाव्य ‘श्री बाहुबली अहिमसादिग्विजयम’ के लिए वर्ष 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोइली कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. वह एक साहित्यकार भी हैं और उन्होंने कन्नड़ भाषा में कई उपन्यास लिखे हैं. उन्हें 2007 में मूर्तिदेवी और 2014 में सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.

राव ने बताया कि हिंदी में ‘टोकरी में दिगन्त: थेरीगाथा:2014’ कविता संग्रह के लिए अनामिका को पुरस्कृत किया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि अंग्रेजी में अरुंधति सुब्रह्मण्यम को कविता संग्रह ‘व्हेन गॉड इज़ ए ट्रैवलर’ के लिए जबकि उर्दू में हुसैन-उल-हक को उनके उपन्यास ‘अमावस में ख्वाब’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

राव ने बताया कि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा कविता-संग्रह के लिए हरीश मीनाश्रु (गुजराती), आर.एस. भास्कर (कोंकणी), ईरुंगबम देवेन (मणिपुरी),रूपचंद हांसदा (संथाली) एवं निखिलेश्वर (तेलुगु) को पुरस्कृत किया जाएगा.

सचिव ने बताया कि उपन्यास के लिए नंदा खरे (मराठी), डॉ. महेशचन्द्र शर्मा गौतम (संस्कृत), इमाइयम (तमिल) को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कहानी-संग्रहों के लिए अपूर्व कुमार सैकिया (असमिया), (दिवंगत) धरणीधर औवारी (बोडो), (दिवंगत) हृदय कौल भारती (कश्मीरी), कमलकान्त झा (मैथिली) एवं गुरदेव सिंह रूपाणा (पंजाबी) को पुरस्कृत किया जाएगा.

राव ने बताया कि ज्ञान सिंह (डोगरी) एवं जेठो लालवानी (सिंधी) को नाटक के लिए और शंकर (मणिशंकर मुखोपाध्याय) (बांग्ला) को संस्मरण के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है.

उन्होंने बताया कि मलयालम, नेपाली, ओड़िया और राजस्थानी भाषाओं में पुरस्कार बाद में घोषित किए जाएंगे.

सचिव ने बताया कि इन पुस्तकों को संबंधित भाषा के त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन-प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए चुना है.

पुरस्कारों की अनुशंसा 20 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में शुक्रवार को इन्हें अनुमोदित किया गया.

उन्होंने बताया कि पुरस्कार एक जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2018 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों के लिए देने का ऐलान किया गया है.

राव ने बताया कि पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी.

उन्होंने बताया कि पुरस्कारों के वितरण की तिथि अब निर्धारित नहीं की गयी है. कब किया जाएगा उसके लिए तिथि अभी तय नहीं हुई है.


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