नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को केंद्र से आगामी जनगणना पर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को लेकर दक्षिणी राज्यों में गंभीर चिंताएं हैं।
माकपा महासचिव एमए बेबी ने यहां तीन से पांच जून तक आयोजित पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि जनगणना, जातिगत गणना और परिसीमन पर कोई भी निर्णय लेने से पहले संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दलों की बैठक आवश्यक है।
माकपा ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘जानबूझकर और अत्यधिक देरी के बाद केंद्र सरकार आखिरकार यह घोषणा करने के लिए मजबूर हुई कि वह 2027 में जनगणना और उसके साथ ही जातिगत गणना कराएगी। सरकार के तौर-तरीकों को लेकर कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। सरकार को तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और इन मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य देशों के विपरीत दशकीय जनगणना हमारी संवैधानिक अवधारणा का हिस्सा है। एक बार जब यह दशकीय जनगणना पूरी हो जाएगी, तो परिसीमन का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं।’’
बेबी ने कहा,‘‘अब दक्षिण भारत और हिमाचल प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों के लोगों में राजनीतिक संतुलन और भारतीय संसद में प्रत्येक क्षेत्र के प्रतिनिधियों की संख्या को लेकर बहुत गंभीर आशंकाएं हैं।’’
उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा परिसीमन पर बुलाई गई बैठक का संदर्भ दिया।
बेबी ने कहा, ‘‘इस जनगणना, साथ ही जातिगत गणना और परिसीमन के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले, कम से कम संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दलों की एक बैठक आवश्यक है।’’
भाषा धीरज दिलीप
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