नयी दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि विपक्ष लोगों को ‘उकसा रहा’ है और आरोप लगाया कि संसद में गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान से भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा हुआ कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के बाद एनआरसी को लागू किया जाएगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, ‘दोनों सदनों में गृह मंत्री के बयान से भय और अनिश्चितता का माहौल बना है. सरकार इसके लिए जिम्मेदार है.’ इस समय देश भर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे को लेकर अगर ‘संवेदनशील और गंभीर’ हैं, तो उन्हें उपचारात्मक उपाए करने चाहिए और इस मामले पर चर्चा करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए।
‘एनआरसी-सीएए पर राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलानी चाहिए’
कांग्रेस ने रविवार को मांग की कि एनआरसी और सीए ए के मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलानी चाहिए. आनंद शर्मा ने कहा, ‘सरकार ने जल्दबाजी में असुरक्षा और अनिश्चितता का वातावरण पैदा किया है. हमने संसद के अंदर सरकार को चेताया था कि आम सहमति बनाई जाए. हमने कहा था कि इसमें कई त्रुटियां और संविधान से इसका टकराव है.’
उन्होंने दावा किया, ‘गृह मंत्री ने दोनों सदनों में कहा कि वो पूरे देश मे एनआरसी ला रहे हैं. इससे यह स्थिति पैदा हुई.’ शर्मा ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ा मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. इसलिए इंतजार करना चाहिए. इसे लागू नहीं करना चहिये.’
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की स्थिति का भी ध्यान देना चाहिए और प्रदर्शन कर रहे लोगों की बात सुननी चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलानी चाहिए और सभी मुख्यमंत्रियों की बात सुननी चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘इन्होंने देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी है। इसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रधानमंत्री की है.’ आपको बता दें कि रविवार को रामलीला मैदान में हुई ‘धन्यवाद रैली’ में पीएम मोदी ने कांग्रेस के ऊपर एनआरसी को लेकर भ्रम फ़ैलाने का आरोप लगाया और कहा कि अभी इस बारे में कोई चर्चा ही नहीं हुई है. कांग्रेस पार्टी के प्रतिक्रिया उसी बयान के जवाब में आई है.