नई दिल्ली: पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच की ओर से नेहरू मेमोरियल में आयोजित पांचवी वार्षिक व्याख्यान माला में अमित शाह ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश का सच्चा इतिहास लिखा जाए. उन्होंने कहा कि कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया है. क्योंकि जिनकी गलतियां थी, उनके हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी आई. शाह ने कहा कि कश्मीर को लेकर कई अफवाहें फैलायी जा रही हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि आजादी के वक्त 630 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई. मगर जम्मू-कश्मीर को एक करने के लिए पांच अगस्त 2019 तक इंतजार करना पड़ा.
गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि पंचायत चुनाव जम्मू-कश्मीर में हों, जिसके बाद 40,000 ग्राम प्रधान विकास के लिए काम कर रहे हैं. अगले 4-5 दिनों में तहसील और जिला पंचायत चुनाव भी होंगे. राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली पूरी तरह कार्यात्मक होगी.
Home Minister Amit Shah: We ensured Panchayat polls happen in Jammu&Kashmir after which 40,000 village heads are working for development. In next 4-5 days Tehsil & Zila Panchayat elections will be held. Three-tier Panchayat system will be fully functional in the state. pic.twitter.com/LUITTYQMcG
— ANI (@ANI) September 29, 2019
गृह मंत्री ने कहा कि जब सूफी संत कि संस्कृति को नष्ट कर दिया गया तब मानवाधिकार के लोग कहां थे. जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से बाहर निकाल दिया गया तो वे कहां थे? अनुच्छेद-370 की वजह से कश्मीर को नुकसान उठाना पड़ा है.
Home Minister Amit Shah in Delhi: Culture of Sufi saints in Kashmir was destroyed, where were these champions of human rights then? Where were they when Kashmiri Pandits were driven out of the region? Kashmir has suffered because of article 370. pic.twitter.com/dgIPX39quL
— ANI (@ANI) September 29, 2019
शाह ने कहा, ‘बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में आज भी फैली हुई हैं, उनका स्पष्ट होना जरूरी है. जितना स्पष्ट कश्मीर की जनता के सामने होना जरूरी है. उतना स्पष्ट भारत की जनता में भी होना जरुरी है.’
सरदार पटेल को याद करते हुए शाह ने कहा, ‘सबसे पहले जब देश आजाद होता है तो उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न, संविधान बनाने का प्रश्न ऐसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं. 630 अलग-अलग राज्य एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना ये हमारे लिए बहुत बड़ा चुनौती का काम था.’ आज मैं आदर के साथ देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करके ये बात कहना चाहता हूं कि वो न होते तो ये काम कभी न होता सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती है.
शाह ने कहा, ‘हम सिर्फ बोलते नहीं है. हमनें अनुच्छेद-370 के खिलाफ बार-बार आंदोलन किए, जब तक 370 हटी तब तक 11 अलग-अलग आंदोलन हुए. जिसमें मास मोबिलाइजेशन भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने किया था. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रेन के रास्ते जम्मू-कश्मीर गए, उनके पास परमिट नहीं था. वो मानते थे कि मेरे देश में जाने के लिए परमिट की क्या जरूरत है. उनको परमिट नहीं लेने के लिए जेल में डाला गया.श्यामा प्रसाद जी ने अपने जीवन का बलिदान अनुच्छेद 370 हटाने के लिए दिया.’
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रेन के रास्ते जम्मू-कश्मीर गए, उनके पास परमिट नहीं था।
वो मानते थे कि मेरे देश में जाने के लिए परमिट की क्या जरूरत है।
उनको परमिट नहीं लेने के लिए जेल में डाला गया।
श्यामा प्रसाद जी ने अपने जीवन का बलिदान अनुच्छेद 370 हटाने के लिए दिया: श्री अमित शाह
— BJP (@BJP4India) September 29, 2019
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद -370 के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का एक दौर चालू हुआ. जिसमें अब तक 41,800 लोग मारे गए. ह्यूमन राइट्स के सवाल उठाने वालों को मैं पूछना चाहता हूं कि इन मारे गए लोगों कि विधवाओं और इनके यतीम बच्चों की आपने कभी चिंता की है क्या? पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाया है. अब पांच से सात वर्ष के अंदर जम्मू-कश्मीर देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा. यहां टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. दुनिया भर में सबसे कुदरती सौंदर्य ईश्वर ने अगर एक भूखंड पर दिया है तो वो जम्मू-कश्मीर है.
पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने 370 को हटाया है अब पांच से सात वर्ष के अंदर जम्मू-कश्मीर देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा।
यहां टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। दुनिया भर में सबसे कुदरती सौंदर्य ईश्वर ने अगर एक भूखंड पर दिया है तो वो जम्मू-कश्मीर है: श्री अमित शाह
— BJP (@BJP4India) September 29, 2019
गृहमंत्री अमित शाह ने यह भी कहा, ‘पूरी दुनिया हमारे साथ खड़ी है. सात दिन तक दुनिया के सभी राष्ट्राध्यक्ष यूएन में थे. किसी ने पाकिस्तान की तरफदारी नहीं की. सब भारत के साथ खड़े रहे. मैं मानता हूं कि नरेन्द्र मोदी की सबसे बड़ी कूटनीतिक सफलता है कि पूरी दुनिया को अपने साथ जोड़कर रखा.’