भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू पर निशाना साधा और स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के दरवाजे उनके लिए हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. यह विश्वास जताते हुए कि राजग फिर से सत्ता में लौटेगी और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे, शाह ने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी(तेदेपा) प्रमुख एकबार फिर राजग में आने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने यहां श्रीकाकुलम जिले के पालासा शहर में राज्य भाजपा अध्यक्ष कन्ना लक्ष्मीनारायण की ‘बस यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने के बाद एक जनसभा में कहा, ‘हम आंध्रप्रदेश और भाजपा के कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमने नायडू के लिए राजग के दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं.’
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यह याद करते हुए कि नायडू ने कांग्रेस के विधायक के तौर पर अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने सत्ता का सुख भोगने के लिए अपनी वफादारी बदली है.
शाह ने कहा, ‘वे बाद में एन.टी. रामाराव द्वारा गठित तेदेपा में शामिल हो गए और सत्ता का सुख भोगा. जब उन्हें अवसर मिला, उन्होंने एनटीआर को धोखा दिया और सत्ता व पूरे पार्टी पर कब्जा जमा लिया.’
उन्होंने कहा, ‘चंद्रबाबू नायडू 10 वर्षो तक भटकते रहे. जब उन्हें यह एहसास हुआ कि वह खुद के दम पर सत्ता में नहीं आ सकते तो, उन्होंने मोदीजी और राजग से हाथ मिला लिया. अब उन्होंने राजग छोड़ दी है और मोदीजी के विरुद्ध आरोप लगा रहे हैं.’
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नायडू ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है, जिसने तेलुगू लोगों का अपमान किया और आंध्रप्रदेश के लोगों के साथ अन्याय किया.
शाह ने कहा कि नायडू आंध्रप्रदेश के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. तेदेपा प्रमुख के इस बयान पर कि केंद्र आंध्रपदेश के साथ अन्याय कर रही है, शाह ने बीते पांच वर्षो के दौरान राजग की ओर से दी गई सहायता और कांग्रेस शासन के दौरान 55 वर्षो में दी गई सहायता की तुलना करने की चुनौती दी. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के 10 वर्षो के शासनकाल की तुलना में राजग ने राज्य को 10 गुणा ज्यादा सहायता उपलब्ध कराई है.
उन्होंने कहा, ‘आंध्रप्रदेश को कांग्रेस के 10 वर्षो के शासन के दौरान केवल 1.17 लाख करोड़ रुपये मिल, जबकि बीते पांच वर्षो में राजग सरकार ने राज्य को 5.56 लाख करोड़ मुहैया कराए.’
शाह ने कहा, ‘आपको यह लोगों को बताना चाहिए कि राज्य को अधिक फंड देने वाले मोदी सरकार से नाता क्यों तोड़ लिया. यह स्पष्ट है कि आपको राज्य के विकास की चिंता नहीं है. आप केवल भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं.’
(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)