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Thursday, 21 November, 2024
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गृह मंत्रालय ने खालिस्तानी समूहों से जुड़े नौ लोगों को आतंकवादी घोषित किया

गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार आतंकी घोषित किए गए लोगों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का प्रमुख वधावा सिंह बब्बर, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख रंजीत सिंह और खालिस्तान कमांडो फोस्र का प्रमुख परमजीत सिंह शामिल है.

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नई दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को अलगाववादी खालिस्तानी संगठनों से जुड़े नौ लोगों को गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया, जिनमें चार संगठन पाकिस्तान के हैं.

गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार आतंकी घोषित किए गए लोगों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का प्रमुख वधावा सिंह बब्बर, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख रंजीत सिंह और खालिस्तान कमांडो फोस्र का प्रमुख परमजीत सिंह शामिल है.

ये चारों पाकिस्तान के आतंकी संगठन हैं.

अन्य आतंकी घोषित किए गए लोगों में आतंकी संगठन केजेडबी के जर्मनी में रहने वाले प्रमुख सदस्य भूपेंद्र सिंह भिंडा तथा गुरमीत सिंह बग्गा, गैरकानूनी संगठन सिख फॉर जस्टिस का अमेरिका में रहने वाला सदस्य गुरपतवंत सिंह पन्नुन, खालिस्तान टाइगर फोर्स का कनाडा निवासी प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर तथा बीकेआई का ब्रिटेन निवासी सदस्य परमजीत सिंह है.

गृह मंत्रालय ने कहा कि ये लोग पाकिस्तान तथा अन्य विदेशी स्थानों से कामकाज करते हैं और आतंकवाद के अनेक कृत्यों में शामिल हैं.

बयान में कहा गया कि वे देश को अस्थिर करने के अपने कुटिल प्रयासों में निर्ममता से शामिल रहे हैं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों एवं खालिस्तान आंदोलन को समर्थन देकर और उसमें शामिल होकर पंजाब में आतंकवाद को फिर से पनपाने की कोशिश करते रहे हैं.

गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और आतंकवाद के प्रति उसकी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के अनुरूप केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आज नौ लोगों को यूएपीए कानून के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया.’

मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोहे जैसे मजबूत इरादों वाले नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में गैरकानूनी गतविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में संशोधन किया था और इसमें किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान शामिल किया था.

इससे पहले तक केवल संगठनों को ही आतंकी घोषित किया जाता था.

इस प्रावधान के तहत केंद्र सरकार ने सितंबर 2019 में मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित किया था.

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