नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा सरकार से मंगलवार को कहा कि वह 31 मार्च तक तीनों नये आपराधिक कानूनों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करे।
तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई को लागू हुए थे, जिन्होंने क्रमशः ब्रिटिशकालीन भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
शाह ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में तीन नये कानूनों के हरियाणा में कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने राज्य में पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नये प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति का जायजा लिया।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि अमित शाह ने बैठक के दौरान हरियाणा सरकार से तीन नये आपराधिक कानूनों का 31 मार्च तक शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीनों नये कानून नागरिकों के अधिकारों के रक्षक और ‘‘सुगम न्याय’’ का आधार बन रहे हैं।
उन्होंने प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में एक से अधिक फोरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध होनी चाहिए।
शाह ने कहा कि ‘शून्य प्राथमिकी’ की निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी की होनी चाहिए तथा राज्यों के अनुसार उनका अन्य भाषाओं में अनुवाद सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन में तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए और मुख्य सचिव एवं डीजीपी को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार इसकी समीक्षा करनी चाहिए।
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