नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी की याचिका का साल के अंत तक शीघ्र निस्तारण किया जाए। सोलंकी ने, आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा हत्या मामले में खुद को दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा दिए जाने को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की एक पीठ ने कहा, “मुद्दों की प्रकृति को देखते हुए, हम उच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि याचिका का, 2022 के अंत तक तेजी से निस्तारण किया जाए।” शीर्ष अदालत ने पिछले साल सितंबर में दिए आदेश के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश पारित किया।
गत वर्ष उच्च न्यायालय ने, निचली अदालत द्वारा पूर्व सांसद को मिली आजीवन कारावास की सजा निलंबित कर जमानत दे दी थी। आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की 2010 में गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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