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Tuesday, 19 November, 2024
होमदेशकर्नाटक में कथित बिटकॉइन घोटाले पर बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच एक मामूली विवाद के आधार पर गिरफ्तार गया हैकर

कर्नाटक में कथित बिटकॉइन घोटाले पर बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच एक मामूली विवाद के आधार पर गिरफ्तार गया हैकर

वर्तमान में तीन अलग-अलग विभागों - प्रवर्तन निदेशालय, सीआईडी की साइबर अपराध शाखा और बेंगलुरु पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा - द्वारा इस हैकर श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी की हिलाफ जांच की जा रही है.

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बेंगलुरु: संभावित रूप से करोड़ों रुपये के तथाकथित बिटकॉइन घोटाले को लेकर बसवराज बोम्मई की सरकार पर राजनीतिक दबाव बनने के कुछ ही दिनों बाद इस मामले के मुख्य आरोपी श्रीकृष्ण रमेश को बेंगलुरु पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया.

हालांकि, श्रीकृष्ण उर्फ श्रीकी हत्या के प्रयास, साइबर अपराध, क्रिप्टोकरेंसी चोरी और ड्रग की तस्करी जैसे कई अपराधों में फ़िलहाल जमानत पर चल रहा है, शनिवार को पुलिस ने एक लक्जरी होटल में हुए मामूली से झगड़े के आरोप में उसे गिरफ्तार किया है

श्रीकृष्ण की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब कर्नाटक में विपक्ष सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर आरोपितों के साथ मिलीभगत में शामिल होने और इस संभवित तौर पर कई करोड़ के बिटकॉइन घोटाले में शामिल अन्य बड़े नामों की बचाने का आरोप लगा रहा है.

एसडी शरणप्पा, डीसीपी (ईस्ट) ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने बेंगलुरु के एक होटल के ड्यूटी मैनेजर द्वारा की गई शिकायत के आधार पर श्रीकृष्ण और उसके साथी विष्णु के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोपियों के खिलाफ गलत तरीके से बंधक बनाने, अतिक्रमण और जान बूझकर दूसरों को चोट पहुंचाने के आरोप लगाए हैं.’ शरणप्पा ने यह भी कहा कि ‘आरोपी ड्रग्स के नशे में पाए गए. हमने उनका चिकित्स्कीय परीक्षण कराया और इसके परिणाम से इस बात की पुष्टि हुई कि उन्होंने ड्रग्स का सेवन किया था.’

श्रीकृष्ण द्वारा क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों, अंतरराष्ट्रीय बैंकों, निजी और सरकारी कंपनियों और पोर्टलों को पैसों की चोरी के लिए हैक करने के अलावा उसकी अन्य साइबर अपराधों से सम्बन्घित गतिविधियां साल 2020 में तब सामने आईं थीं जब उसे ड्रग्स से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. बेंगलुरु पुलिस द्वारा शनिवार को गिरफ्तार किए गए दूसरे आरोपी की पहचान दक्षिण भारत के एक लोकप्रिय ज्वैलरी स्टोर्स (आभूषणों की दुकान) की शृंखला के मालिक के बेटे के रूप में हुई है.

पता चला है कि कर्नाटक सरकार 25 वर्षीय श्रीकी से जुड़े सभी मामलों को सीआईडी को स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है.

विपक्ष के आरोपों में घिरती जा रही है भाजपा सरकार

भाजपा के ही सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इस कथित क्रिप्टोकरंसी अपराध के बारे में मच रहे शोर-शराबे ने उनके राज्य स्तरीय नेतृत्व को संकट में डाल दिया है. इस साल की शुरुआत में एक अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वाली अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में, केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) पुलिस ने दावा किया था कि श्रीकृष्ण ने कई प्रभावशाली सोशल मीडिया एकाउंट्स को हैक करने, सरकारी पोर्टलों, बिटकॉइन एक्सचेंजों आदि में घुसपैठ करने की बात कबूल की थी. इस आरोप पत्र में कोलकाता के एक क्रिप्टोकरंसी ट्रेडर रॉबिन खंडेलवाल के साथ उसकी साझेदारी का ब्योरा दिया गया था.


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इस मामले में हो रही जांच की जानकारी रखने वाले एक आईजी-रैंक के अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘पुलिस की हिरासत में रहते हुए श्रीकृष्ण ने अधिकारियों से कहा था कि उसके क्लाउड खाते में कई पर्सनल की हैं, जिन्हें वह चोरी किए गए बिटकॉइन को जब्त करने के लिए अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने हेतु हस्तांतरित कर सकता है.’ इस अधिकारी ने बताया, ‘ऐसे मामलों में, अधिकारियों को लूट की वस्तु को ‘पेरिशेबल आइटम्स (जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं) मानना पड़ता है. इसकी वसूली कर अदालत को दिखाना होता है और इस लूट को बेच कर इकठ्ठा किये गए पैसों को सही मालिकों को वापस करने के लिए अदालत से अनुमति लेनी होती है. इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ है.’

हालांकि. सीसीबी पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि श्रीकृष्ण के पास से 31 बिटकॉइन बरामद किए गए थे, मगर बाद में उसने यह दावा वापस ले लिया था.

राजनीतिक मोर्चे की बात करें तो कांग्रेस नेताओं ने यह आरोप लगाया है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस हैकर से काफी ‘मुनाफा’ कमाया है. कर्नाटक राज्य कांग्रेस कमिटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है.

कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया – इस राज्य में हुए कथित बिटकॉइन घोटाले का मुद्दा उठाने वाले पहले राजनेता – लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं और आरोपी द्वारा कथित तौर से हासिल किये गए बिटकॉइनस की वर्तमान स्थिति पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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