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Monday, 25 November, 2024
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अमेरिकी कंपनी ने आईआईटी-आईआईएम के छात्रों से वापस लिए जॉब ऑफर, हर परिस्थिति से निपटने को तैयार संस्थान

कोविड-19 महामारी की वजह कई देश शटडाउन का सामान कर रहे हैं. इस बीच कई आईआईटी-आईआईएम छात्रों को पता चला कि अमेरिकी कंपनी गार्टनर ने नौकरी का ऑफर वापस ले लिया है.

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नई दिल्ली: अमेरिका स्थित रिसर्च फर्म गार्टनर ने जब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी (आईआईटी) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट को दिए गए अपने जॉब ऑफ़र वापस ले लिए तो देश भर के अन्य कैंपसों में इसकी चर्चा होने लगी. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक ये संस्थान अब हर तरह की आकस्मिक परिस्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें अन्य कंपनियों द्वारा नौकरी का ऑफर वापस लिए जाने जैसी स्थिति का भी सामना करना शामिल है. संस्थानों ने अपने छात्रों को हर तरह की स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी मामले में दखल दिया है और कंपनियों से अपील की है कि वो ‘जल्दबाज़ी’ में कोई फ़ैसला ना लें.

कोविड-19 की वजह से कई देशों में हो रहे लॉकडाउन के कारण आईआईटी और आईआईएम के कई छात्रों को गार्टनर से उन्हें मिली नौकरी पिछले हफ्ते गंवानी पड़ी.

आईआईएम कोलकाता, आईआईएम अहमदाबाद और आईआईटी दिल्ली के जिन अधिकारियों से दिप्रिंट ने बात की उन्होंने इसकी पुष्टी की है कि अमेरिकी कंपनी ने छात्रों को दिए गए नौकरी और इंटर्नशिप के ऑफर वापस ले लिए हैं. आईआईटी कानपुर को दिए गए इंटर्नशिप के ऑफर को भी संस्थान द्वारा वापस ले लिया गया है और अब ये सभी संस्थान उन तरीकों पर काम कर रहे हैं जिससे इस आफ़त से पार पाया जा सके.

आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा, ‘चार छात्रों को (गार्टनर द्वारा) दिया गया ऑफ़र वापस ले लिया गया है और हमने पहले ही कंपनी को लिखा है कि वो अपने फ़ैसले पर फिर से विचार करें. तेज़ी से बदलती परिस्थिति की वजह से हम इंतज़ार और क्या होता है ये देखने का काम कर रहे हैं. अन्य कंपनियों द्वारा उनके ऑफ़र वापस लिए जाने की आशंका की स्थिति में हम एक और राउंट प्लेसमेंट करवाने की तैयारी में हैं. अभी ऐसा करने की कोई दरकार नहीं है लेकिन हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.’

संस्थान ने ये भी बताया कि गार्टनर के अलावा किसी और कंपनी ने अपना जॉब ऑफ़र छात्रों से वापस नहीं लिया है.

इंटर्नशिप का ऑफ़र भी कंपनी ने वापस लिया

आईआईटी कानपुर के छात्रों को दिए गए इंटर्नशिप का ऑफ़र भी कंपनी ने वापस ले लिया है. संस्थान में प्लेसमेंट करवाने में शामिल एक प्रोफेसर ने कहा, ‘किसी कंपनी ने नौकरी का ऑफ़र वापस नहीं लिया है, कुछ ने (गार्टनर) अभी के लिए इंटर्नशिप का ऑफर वापस ले लिया है. हमें ऐसी आशंका है कि जॉब के ऑफ़र भी वापस लिए जा सकते हैं ऐसे में हम किसी भी परिस्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है कि और जॉब ऑफ़र वापस लिए जाते हैं तो हम अगस्त-सितंबर के महीने में प्लेसमेंट का एक और राउंड करेंगे.’

आईआईएम भी ऐसी ही परिस्थिति का सामना कर रहे हैं और और जिन छात्रों से नौकरी का ऑफ़र वापस लिया गया है उनके लिए वैकल्पिक प्लेसमेंट की कोशिश कर रहे हैं.

आईआईएम वैकल्पिक प्लेसमेंट की कोशिश कर रहा है 

आईआईएम अहमदाबाद की प्लेसमेंट कमेटी के चेयरपर्सन अमित कर्ण ने दिप्रिंट से कहा, ‘अभी तक सिर्फ एक कंपनी ने नौकरी का ऑफ़र वापस लिया है. हम इन छात्रों के लिए अपने मौजूदा नौकरी देने वालों और पूर्व छात्रों के नेटवर्क के जरिए वैकल्पिक अवसरों को मुहैया कराएंगे.’

आईआईएम कोलकाता के एक अधिकारी ने कहा कि संस्थान गार्टनर से बात कर रहा है. कोशिश की जा रही है कि गार्टनर के साथ सहमति बनाई जा सके और जिन्होंने अपनी नौकरी और इंटर्नशिप खोई है उनके लिए वैकल्पिक प्लेसमेंट की भी तैयारी की जा रही है.

हालांकि, बाकी के संस्थान अभी इस महामारी के प्रकोप की चपेट में नहीं आए हैं, प्लेसमेंट के मामले में उन्होंने अपने छात्रों को हर संभव परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है.

दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्लेसमेंट ऑफ़िसर ने कहा, ‘प्लेसमेंट ऑफिस ने इस साल सभी कॉलेजों के करीब 5000 छात्रों और यूनिवर्सिटी के 700 छात्रों को प्लेसमेंट ऑफ़र दिलवाने में सफ़लता पाई है. किसी कंपनी ने अपना जॉब ऑफ़र वापस नहीं लिया है. लेकिन हमने छात्रों से हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है. अगर सब सही रहता है तो छात्र जुलाई के महीने से नौकरी ज्वाइन करने की स्थिति में होंगे.’

अन्य पब्लिक और प्राइवेट संस्थानों के मामले में ऑल इंडिया काउंसिल फ़ॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) अभी के लिए कोई ख़तरे की घंटी नहीं बजा रहा है और फिलहाल के लिए संस्थानों को शांति बनाए रखने और स्थिति सुधरने का इंतज़ार करने को कह रहा है.

एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्त्रबुद्धे ने दिप्रिंट से कहा, ‘हमने सभी संस्थानों से कहा कि वो अभी प्लेसमेंट और जॉब ऑफ़र के बारे में मत सोचें, उल्टे छात्रों को ये समय सीखने और नया स्किल हासिल करने में लगाना चाहिए. जहां तक प्लेसमेंट की बात है, अगर कॉरपोरेट जगत को धक्का लगता भी है, जो कि पहले भी हुआ है, तो ऐसे में कंपनियां ज्वाइनिंग की तारीख़ को आगे बढ़ा देती हैं. सबको एक साथ लेने के बजाए वो अलग-अलग तारीख़ें देती हैं और हमने इसके लिए संस्थानों को तैयार रहने को कहा है. हम इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं अभी कोई पैनिक की स्थिति पैदा न हो.’

इस बीच शिक्षा मंत्री ने भी मामले में दखल देते हुए कंपनियों से नौकरी का ऑफ़र वापस नहीं लेने की अपील की है. शिक्षा मंत्री के कार्यालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा, ‘छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्री ने कंपनियों से नौकरी देना जारी रखने की अपील की है और ऐसे समय पर नौकरी देना बंद करने से मना किया है.’ शिक्षा मंत्री को जब कुछ कंपनियों द्वारा नौकरी का ऑफ़र वापस लिए जाने की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में कंपनियां जल्दाबज़ी में फ़ैसला ना लें.

उन्होंने ये भी कहा है कि इन छात्रों को मौका देकर कंपनियां ख़ुद को भी वर्तमान संकट की स्थिति से बाहर निकाल सकती हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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5 टिप्पणी

  1. सर, यह तो बिल्कुल गलत होने जा रहा है, ऑफर वापस लेने की बजाय ज्योनिग की दिनांक आगे कर देनी चाइये। ऐसे में छात्र कहा जायेगा, प्लेसमेंट के समय अपने ऑफर पर भरोसा करके छात्र को दूसरी कम्पनी के ऑफर में भी नही बैठने दिया जाता है। कुछ करो सर, नही तो अधिकतर छात्र डिप्रेशन में आ सकते है। जयपुर में भी ट्रेक्शन ऑन डिमांड ने भी छात्रों के ऑफर वापस ले लिये है।

  2. कितने शर्म की बात है कि अब भारत का दिमाग भी बिकने लगा है हमारी सरकार के कारण क्या कमी है भारत की जनता भारत के किसानों में ,पैसा अपने देश की जनता का बर्बाद करे और जब सेवा करनी हो तो भागेंगे अमेरिका आप लोग फिर अमेरिका ही में क्यों नहीं पढ़ते ।ये कब तक अमेरिका भारत का मस्तिष्क खरीदेगा विदेशी कंपनिया कब तक भारत को गुलाम बनाकर रखेगी भाई।कई कुतर्क सुनने को मिलते है इसपर की छात्र वहां का पैसा भारत लाते है लेकिन ये कहते हुए भूल जाते है कि को आवश्यकता भारत को आज है वो विदेशी कंपनियां खरीद लेती है है और हमारा भारत पीछे रह रहा है ये ब्रेन ड्रेन होना बंद हो सरकार खुद इतना दम रखे कि इनको बेतन देकर भारत के विकास को आगे बढ़ाएं ।इसपर एक ekt बनना चाहिए कि भारत में पढ़ाई करने वाला स्टूडेंट को भारत की सर्विस देनी ही पड़ेगी।शायद हम फिर विश्व गुरु बन सकें ।वंदे मातरम।जय हिन्द।

  3. बिल्कुल सही कहा । हमे अपने उच्च संस्थान में कम फीस पर पढने वाले के लिए सरकार कितनी सब्सिडी देती हैं तो इन छात्रों को देश मे नोकरी करने के लिए बांड भरवाना चाहिए

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