scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशअंबाला की पहली महिला मेयर, मनु शर्मा की मां और अब भाजपा सदस्य — कौन हैं शक्ति रानी शर्मा

अंबाला की पहली महिला मेयर, मनु शर्मा की मां और अब भाजपा सदस्य — कौन हैं शक्ति रानी शर्मा

ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा उन्हें अंबाला शहर से टिकट दे सकती है, जिसका प्रतिनिधित्व हरियाणा के सीएम सैनी की सरकार में मंत्री असीम गोयल करते हैं. उनके बेटे मनु को जेसिका लाल की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था.

Text Size:

गुरुग्राम: अंबाला नगर निगम की मेयर और जन चेतना पार्टी के प्रमुख और हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा रविवार को आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं. जींद में भाजपा की रैली में उन्हें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और राज्य पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बडौली की मौजूदगी में भाजपा में शामिल किया गया. वे राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा की मां भी हैं.

अपनी मां के भाजपा में शामिल होने की खबर और कार्यक्रम की तस्वीरें अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा करते हुए कार्तिकेय ने लिखा, “इस अवसर पर आपके अपार समर्थन और स्नेह के लिए हम आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं. हमारा परिवार हरियाणा के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और राज्य के लोगों की निरंतर सेवा करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है.”

शक्ति रानी शर्मा के सबसे बड़े बेटे सिद्धार्थ वशिष्ठ, जिन्हें मनु शर्मा के नाम से भी जाना जाता है, को दिल्ली में कुख्यात जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी ठहराया गया था और जून 2020 में रिहा किया गया था.

उसी साल शक्ति रानी शर्मा ने अंबाला नगर निगम चुनाव जीता था, उन्होंने भाजपा की वंदना शर्मा को 8,084 मतों से हराया था और अंबाला शहर की पहली महिला मेयर बनी थीं.

ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा उन्हें अंबाला शहर से मैदान में उतार सकती है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में सैनी सरकार में मंत्री असीम गोयल करते हैं.

शक्ति रानी शर्मा शहर के पिछड़े विकास के लिए असीम गोयल की अक्सर आलोचना करती रही हैं. उन्होंने उन पर परियोजनाओं में बाधा डालने और ज़रूरी कामों को पूरा होने से रोकने का आरोप लगाया है. भाजपा में शामिल होने के साथ ही असीम गोयल की चुनौतियां और बढ़ने की उम्मीद है.

उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में अपने पति की जन चेतना पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर कालका से चुनाव लड़ा था. इसे देखते हुए भाजपा उन्हें इसी सीट से चुनाव लड़ाने पर भी विचार कर सकती है.

1992 में पंजाब में बेअंत सिंह सरकार के दौरान कांग्रेस से विनोद शर्मा राज्यसभा के लिए चुने गए थे, जहां उन्होंने अप्रैल 1998 तक छह साल का कार्यकाल पूरा किया. इससे पहले वे पंजाब के पटियाला जिले की बनूर विधानसभा सीट से विधायक थे, जहां से उन्होंने 1980 में चुनाव जीता था. वे नरसिम्हा राव सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे.

2005 और 2009 में विनोद शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर अंबाला से विधानसभा चुनाव जीता था. हालांकि, 2014 के चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अपनी जन चेतना पार्टी बना ली थी. वे और शक्ति रानी शर्मा दोनों ही अपने-अपने चुनाव हार गए.

2024 के लोकसभा चुनाव में जन चेतना पार्टी ने भाजपा का समर्थन किया. इससे पहले, भाजपा ने पार्टी के समर्थन से कार्तिकेय को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए उनकी सफल बोली में समर्थन दिया था.

जेसिका लाल हत्याकांड

शर्मा ने 1999 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जब मॉडल जेसिका लाल की उस साल 30 अप्रैल को नई दिल्ली के एक बार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उनके बेटे मनु शर्मा पर इस अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया था.

वे 2004 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए और 2005 में हरियाणा विधानसभा के लिए चुने गए, इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस सरकार में मंत्री बने. हालांकि, 2006 में मनु शर्मा के बरी होने के बाद देश भर में आक्रोश फैल गया और एक मीडिया स्टिंग में गवाहों से छेड़छाड़ का खुलासा हुआ, जिसके बाद विनोद को उस साल अक्टूबर में कैबिनेट से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मामला फिर से खोला गया और मनु शर्मा को आखिरकार दोषी ठहराया गया और 20 दिसंबर, 2006 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई. उन्हें अच्छे व्यवहार के लिए 2 जून, 2020 को दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: हरियाणा में ‘गौरक्षकों द्वारा पीट-पीटकर मजदूर की हत्या’ के बाद CM सैनी ने पूछा, ‘उन्हें कौन रोक सकता है?’


 

share & View comments