जयपुर, 27 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद वहां कथित तौर शुद्धिकरण किए जाने की घटना को लेकर पार्टी नेता ज्ञानदेव आहूजा की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी है।
अलवर के राम मंदिर में कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया था। उसके बाद भाजपा नेता आहूजा ने वहां गंगा जल का छिड़काव कर मंदिर का शुद्धिकरण किया था।
भाजपा की ओर से रविवार को जारी एक आदेश के अनुसार, पार्टी की अनुशासन समिति की जांच रिपोर्ट के बाद आहूजा के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
समिति ने पाया कि आहूजा ने अनुशासनहीनता की थी। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने उनकी पार्टी सदस्यता समाप्त करने के आदेश जारी किये।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस नेताओं ने आहूजा के कृत्य को दलित का अपमान बताया था।
इससे पहले आज ज्ञानदेव आहूजा अनुशासन समिति के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए पेश हुए।
आहूजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने दलित विरोधी कुछ नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने उन पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।
आहूजा ने आरोप लगाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत प्रमुख नेताओं से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दुष्प्रचार में आकर भाजपा ने उन्हें निलंबित करने का गलत फैसला किया।
आहूजा ने कांग्रेस नेताओं पर उनका मानहानि करने का आरोप लगाया और कहा कि वह इस संबंध में मामला दर्ज कराएंगे।
उन्होंने पहले कहा था कि कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का ‘कोई नैतिक अधिकार’ नहीं है, क्योंकि पार्टी के नेतृत्व ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया गया था और पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का ‘‘बहिष्कार’’ किया था।
उन्होंने दावा किया कि उनके कृत्य में कोई ‘‘दलित’’ पहलू नहीं है।
अलवर की एक आवासीय सोसाइटी में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह करीब 20 दिन पहले रामनवमी के अवसर पर आयोजित किया गया था और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी इसमें शामिल हुए थे।
आहूजा ने कहा था कि उन्होंने यह कदम कांग्रेस नेताओं के भगवान राम के प्रति दृष्टिकोण और दृष्टिकोण के कारण उठाया, न कि किसी ‘‘दलित’’ के कारण।
आहूजा की हरकत पर टिप्पणी करते हुए टीकाराम जूली ने कहा कि यह दलितों के प्रति भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।
गहलोत ने कहा था कि ‘‘विपक्ष के नेता टीकाराम जूली के मंदिर में जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाती है। 21वीं सदी में यह अस्वीकार्य है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।’’
भाषा कुंज धीरज
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