(तस्वीर के साथ)
जोधपुर, छह नवंबर (भाषा) राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुख्य मुद्दा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल के महीनों में घोषित की गई कल्याणकारी योजनाओं को माना जा रहा है। लेकिन क्या यह पार्टी के लिए राज्य में दूसरा कार्यकाल जीतने में सक्षम होगा?
मारवाड़ क्षेत्र के लूनी, बिलाड़ा और ओसियां विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मिश्रित संकेत दे रहे हैं।
कई लोगों का मानना है कि बुजुर्गों के लिए पेंशन, सब्सिडी वाली रसोई गैस और महिलाओं के लिए मुफ्त स्मार्टफोन जैसी योजनाओं पर जाति समीकरण भारी पड़ सकता है।
लूनी विधानसभा क्षेत्र में, राशन की दुकान के बाहर इंतजार कर रही महिलाओं के एक समूह ने सरकार की उन योजनाओं की सराहना की जो पेंशन, मुफ्त स्मार्टफोन, राशन किट और 500 रुपये में सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर प्रदान करती हैं।
गीता देवी ने कहा, ‘‘सरकारी योजनाएं अच्छी हैं। मुझे पेंशन मिल रही है और एक स्मार्टफोन के साथ-साथ राशन किट भी मिला है।’’
समूह में मौजूद अन्य महिलाओं ने सहमति में सिर हिलाया।
हालांकि, बिलाड़ा निर्वाचन क्षेत्र के पुरुषों के एक समूह ने कहा कि मुफ्त स्मार्टफोन बांटने के लिए इस्तेमाल की गई धनराशि का उपयोग अन्य स्थानीय समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता था।
लक्ष्मण सिंह ने कहा, ‘‘मोबाइल फोन की खरीद में करोड़ों रुपये का इस्तेमाल किया गया। हमारे क्षेत्र में पीने के पानी की और अन्य स्थानीय समस्याएं हैं। इस राशि का इस्तेमाल ऐसे बुनियादी मुद्दों को हल करने के लिए किया जा सकता था।’’
वहां एकत्र अन्य लोगों ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना की सराहना की, जो एक परिवार को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है।
राज्य में कुल 5.26 करोड़ में से लगभग 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं, इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस ने उनके लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। पिछले पांच वर्षों में अशोक गहलोत सरकार का ध्यान महिला मतदाताओं पर रहा है और सरकार ने 34 अन्य महिला-केंद्रित योजनाएं चलाते हुए विशेष रूप से उनके लिए लगभग 10 नयी योजनाएं शुरू कीं।
कांग्रेस ने बिलाड़ा से मोहन लाल कटारिया और लूनी से महेंद्र बिश्नोई को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने बिलाड़ा और लूनी से क्रमश: अर्जुन लाल गर्ग और जोगाराम पटेल को उम्मीदवार बनाया है।
हालांकि, कई लोगों का मानना है कि कल्याणकारी नीतियों और विकास के मुद्दों के बावजूद जातिगत समीकरण मतदाताओं की पसंद तय कर सकते हैं।
जाति समीकरण के प्रभाव का हवाला देते हुए लूनी ब्लॉक के झालामंद गांव के पूर्व सरपंच ने कहा, ‘‘विकास भले ही हुआ हो और योजनाओं को सराहना मिल रही हो, लेकिन लोग अब भी उसी तरह वोट देंगे, जैसा वे पीढ़ियों से करते आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, उनके क्षेत्र के लोग हमेशा अपनी (पसंद की) पार्टी और अपनी जाति के समर्थक को वोट देते हैं।
हालांकि, एक स्थानीय राशन डीलर ने जोर देकर कहा कि लोगों को योजनाओं के बारे में उतना याद नहीं रहता और वे हमेशा पीने के पानी और बेहतर सड़कों को प्राथमिकता देते हैं।
ओसियां विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने भाजपा के भैरा राम के खिलाफ मौजूदा विधायक दिव्या मदेरणा को मैदान में उतारा है।
एक स्थानीय राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, ‘‘इस बार यहां कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार के बीच सीधा मुकाबला है, जैसा 2013 में हुआ था।’’
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी।
भाषा शफीक मनीषा
मनीषा
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