नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों को तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान फिटजी ने बुधवार को दावा किया कि संगठन और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप प्रतिस्पर्धियों की एक ‘‘साजिश’’ है। उसके मुताबिक पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच ‘‘आधारहीन’’ धारणाओं पर आधारित है।
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन जांच के तहत 24 अप्रैल को फिटजी के संस्थापक अध्यक्ष और निदेशक डी.के गोयल और कंपनी के अन्य अधिकारियों के परिसरों पर कई शहरों में छापेमारी की थी। ईडी की यह कार्रवाई अभिभावकों द्वारा कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दर्ज कराई गई प्राथमिकियों के आधार पर की गई।
संघीय जांच एजेंसी ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था कि कोचिंग संस्थान ने हजारों अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से 200 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क के रूप में वसूले, लेकिन शैक्षणिक सेवा प्रदान नहीं की, जिससे गंभीर वित्तीय अनियमितता और धन की हेराफेरी का संकेत मिलता है।
गोयल ने एक बयान में कहा, ‘‘ फिटजी दृढ़ता से दावा करता है कि कोई धोखाधड़ी या कदाचार नहीं हुआ है और सभी आरोप प्रतिस्पर्धियों द्वारा रची गई साजिश से निकले हैं। संस्थान के खिलाफ प्राथमिकी और ईडी की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण अभियानों और आधारहीन धारणाओं से प्रेरित है।’’
गोयल ने कहा कि फिटजी ने हमेशा एक ‘‘अच्छी तरह से परिभाषित’’ शुल्क संग्रह प्रक्रिया का पालन किया है और प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए निर्बाध ऑनलाइन कक्षाओं सहित वादा की गईं शैक्षिक सेवाएं ‘प्रदान’ की हैं।
भाषा नोमान धीरज
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