scorecardresearch
Thursday, 26 December, 2024
होमदेशदिव्यांगों से भेदभाव का आरोप, अदालत ने केंद्र, उबर से जवाब मांगा

दिव्यांगों से भेदभाव का आरोप, अदालत ने केंद्र, उबर से जवाब मांगा

Text Size:

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दृष्टिबाधित वकील की याचिका पर केंद्र और उबर से जवाब मांगा है। वकील ने उबर ऐप की सेवाओं का लाभ उठाने के दौरान भेदभाव का सामना करने का आरोप लगाया है।

चौबीस दिसंबर को न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने अधिवक्ता राहुल बजाज की याचिका पर नोटिस जारी किया और केंद्र एवं उबर इंडिया टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड से जवाब देने को कहा।

बजाज के वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को ऐप पर ऑटो बुक करते समय भेदभावपूर्ण और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा, इसके अलावा कंपनी की सेवाओं का लाभ उठाने के दौरान कई अन्य चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा।

उन्होंने घटना का उल्लेख किया कि ऑटो चालक ने न केवल बजाज को वांछित स्थान पर छोड़ने से इनकार कर दिया, बल्कि सफर के लिए अनिच्छा से सहमत होने के बाद उनके साथ अनुचित व्यवहार भी किया।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चालक का आचरण भेदभाव का उदाहरण है। उसने कहा कि उबर जैसे सेवा प्रदाता यह सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं कि उनके चालक दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम के अनुसार पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित और संवेदनशील हों।

याचिकाकर्ता ने कहा कि हालांकि उबर भेदभाव के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति होने का दावा करता है, लेकिन दिव्यांगता के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में निष्प्रभावी है।

बजाज ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी घटनाओं के बारे में पोस्ट करने के बावजूद, उन्हें उबर के ऑटो चालकों की अनिच्छा का सामना करना पड़ रहा है।

याचिका में इस संबंध में उचित उपाय का अनुरोध किया गया है। मामले की सुनवाई 27 मार्च, 2025 को होगी।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments