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गुरूवार, 22 मई, 2025
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्लोबल अस्पताल को ध्वस्त करने के पीडीए के आदेश पर रोक लगाई

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प्रयागराज, 28 अक्टूबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उस आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी, जिसके तहत नगर के ग्लोबल अस्पताल को ध्वस्त करने की तैयारी थी। संपत्ति की मालिक ने एक व्यक्ति को यह अस्पताल चलाने के लिए भवन किराए पर दिया था।

न्यायमूर्ति एस.पी. केसरवानी और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की पीठ ने मालती देवी नाम की महिला की रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता ने श्याम नारायण को 50,000 रुपये प्रति माह के किराए पर 10 वर्ष के लिए दो दुकान के साथ 18 कमरे किराए पर दिये हैं, जिसमें श्याम नारायण द्वारा ग्लोबल अस्पताल चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि किराएदार द्वारा कुछ खामियों की वजह से प्रयागराज के सीएमओ द्वारा उसका अस्पताल सील कर दिया गया है। याचिकाकर्ता को प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी की ओर से पहली बार 21 अक्टूबर, 2022 को एक नोटिस मिला जिसमें उनके मकान को ध्वस्त करने का 11 जनवरी, 2022 को आदेश पारित किए जाने की बात कही गई है।

वकीन ने कहा, जबकि याचिकाकर्ता को मकान ध्वस्त करने का ना ही कोई नोटिस और ना ही आदेश प्राप्त हुआ है। याचिकाकर्ता द्वारा मकान का निर्माण उस समय कराया गया था जब यह क्षेत्र पीडीए की सीमा से बाहर था, इसलिए इस संपत्ति का कोई नक्शा पीडीए से पास नहीं कराया गया।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम की धारा 32 के तहत कोई ढांचा अवैध है तो याचिकाकर्ता अवैध निर्माण का जुर्माना भरने को तैयार है, बशर्ते उसे अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए।

इस पर अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादी पक्षों के वकीलों के बयान को देखते हुए हमें इस याचिका को लंबित रखने का कोई उचित कारण नजर नहीं आता। इस प्रकार से याचिकाकर्ता को दो सप्ताह के भीतर आपत्ति दाखिल करने की छूट देकर इस याचिका को निस्तारित किया जाता है।’’

अदालत ने निर्देश दिया कि छह सप्ताह तक याचिकाकर्ता के खिलाफ ध्वस्तीकरण आदेश के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि उक्त अस्पताल में भर्ती डेंगू के एक मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसमी का जूस चढ़ाने का आरोप लगा था जिसके बाद सीएमओ द्वारा अस्पताल को सील कर दिया गया। हालांकि, जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट किया था कि मरीज को मौसमी का जूस नहीं बल्कि प्लेटलेट्स ही चढ़ाया गया था जोकि अनुचित ढंग से संरक्षित था।

भाषा राजेंद्र शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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