मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 31 दिसंबर 2022 तक निर्मित सभी अनाधिकृत कॉलोनियां वैध की जायेंगी. इन कॉलोनियों में विकास के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी. अधो-संरचना से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी. पानी और बिजली के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेंगी. इन कॉलोनियों के गरीब रहवासियों से विकास शुल्क नहीं लिया जायेगा. जो मकान जिस रूप में बने हैं उन्हें उसी रूप में स्वीकार कर अनुमति दी जायेगी. उन्होंने कहा कि अब अगर अवैध कॉलोनी कटी तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी. अधिकारी इस पर पैनी नजर रखें. अवैध कॉलोनी बननी ही नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह घोषणाएं मुख्यमंत्री निवास में अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण और नागरिक अधो-संरचना विकास एवं भवन अनुज्ञा प्रदाय कार्यक्रम में की. कार्यक्रम कन्या-पूजन के साथ शुरू हुआ.
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लोगों की जिंदगी आसान बनाना सरकार का लक्ष्य है. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके लिए आवश्यक निर्देश नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दिए. अब वैध की गई कॉलोनियों के नागरिकों को बैंक ऋण मिल सकेगा. विकास के लिए विधायक एवं सांसद निधि की राशि दी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि कॉलोनियों में रहवासी संघ भी बनाए जाएं. कॉलोनियां स्वच्छता में पीछे न रहें, इस मंशा के साथ जन अभियान प्रारंभ होना चाहिए. मकान बन जाने के बाद संपूर्ण वातावरण स्वच्छ रखना हमारा कर्त्तव्य है. स्वच्छता और सफाई पर सभी नागरिक ध्यान रखें.
नगरीय निकाय रहवासी संघ को आवश्यक सहयोग करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है. यहां रहवासी संघों को सभी नगरीय निकाय आवश्यक सहयोग करें. कॉलोनियों को स्वच्छ और सुंदर बनाने पर ध्यान दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना घर सबसे सुंदर होता है. हर व्यक्ति का सपना होता है कि जीवन में अपना एक मकान जरूर हो. रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की प्राथमिक आवश्यकता है. मकान के बिना जिंदगी नहीं काटी जा सकती. मकान ईंट-गारे का भवन नहीं, एक पवित्र मंदिर होता है. मकान हमारे बच्चों के लिए सपनों का घर होता है. भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि अपनी संतान के लिए मकान बनाना आवश्यक है.
शहरों में निम्न मध्यमवर्गीय परिवार, कामकाज के लिए और बच्चों की पढ़ाई के लिए आने वाले लोग रहते हैं. उनका अपना मकान हो, ऐसी इच्छा होती है. जिंदगी भर की पूंजी मकान में पाई-पाई जोड़ कर लगाई जाती है. कई बार ऐसे भू-खंड ले लेते हैं जो अनाधिकृत होते हैं. उस पर मकान निर्मित हो जाने के बाद उसके अवैध होने की जानकारी मिलती है. यह नागरिकों के साथ न्याय नहीं है. अनाधिकृत होने के कलंक को मिटाना है. अपना आशियाना बनाना अवैध नहीं है. राज्य सरकार ग्रामों में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना संचालित कर रही है. शहरों में भी वर्षों पुराने पट्टाधारियों को मालिक बनाया जा रहा है. इसी तरह जीवन भर परिश्रम से अपनी अर्जित कमाई लगा कर मकान बनाने वालों को अनाधिकृत नहीं मान सकते. कॉलोनाइजर गड़बड़ न करें, इस पर भी नियंत्रण आवश्यक है.
शहरों में गरीबों को मिलेगा 5 रूपये में भोजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि काम-काज के लिए शहर आने वाले गरीबों को दीनदयाल रसोई योजना में 5 रूपये में भोजन उपलब्ध कराया जाये. प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाये लेकिन इसमें संतुलन रखें. ठेले वालों की रोजी-रोटी पर संकट नहीं आना चाहिए. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुछ नागरिकों को प्रतीक स्वरूप अनुज्ञा प्रमाण-पत्र प्रदान किए.
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अभी 31 दिसम्बर 2016 तक की 6077 अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही की जा रही है. श्री सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अगर 31 दिसम्बर 2022 तक की अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया जाये तो अतिरिक्त रूप से 2500 कॉलोनियों के रहवासी लाभांवित हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों में बने ऐसे मकान जो कंपाउंडिंग की सीमा में आ रहे हैं, उनके नक्शे पास किये जाये.
श्री सिंह ने कहा कि गरीब रहवासियों से विकास शुल्क लेने का प्रावधान समाप्त किया जाये तो इससे लाखों गरीब लाभान्वित होंगे. इन कॉलोनियों के नक्शे पास करने के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाये, तो सुविधा होगी. श्री सिंह ने कहा कि अब रहवासियों को समस्त भवन अनुज्ञा, अनुमतियां एवं बैंक लोन की पात्रता भी मिल सकेगी. नियमित योजनाओं जैसे अमृत योजना, अधो-संरचना मद तथा सांसद एवं विधायक निधि आदि से विकास कार्य हो सकेंगे. पेयजल, सीवर और विद्युत के वैध कनेक्शन दिये जायेंगे.
नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि आज का कार्यक्रम लगभग 20 लाख परिवारों को रोशनी और सम्मान देने का है. उन्होंने कहा कि जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, उन्हें अब सभी जरूरी सुविधाएं मिलेगी.
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मंडलोई ने कहा है कि 6 हजार 77 पात्र कॉलोनियों का प्रारंभिक प्रकाशन किया जा चुका है. इनमें से 1662 कॉलोनियों के अभिन्यास का प्रारंभिक प्रकाशन, 1336 कॉलोनियों के अभिन्यास का अंतिम प्रकाशन और 1122 कॉलोनियों में भवन अनुज्ञा देने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है. आज 500 भवन अनुज्ञा प्रमाण-पत्र वितरित किये जा रहे हैं. सभी पात्र कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी कर ली जायेगी. सभी जिलों में कार्यक्रम किये गये. मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण नगरीय निकायों में किया गया. नगर पालिक निगम भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय ने आभार माना.
कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री सुश्री प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा और श्रीमती कृष्णा गौर, नगर निगम के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, पूर्व महापौर श्री आलोक शर्मा, पार्षद, जन-प्रतिनिधि, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास श्री भरत यादव एवं वैध हुई कॉलोनियों के रहवासी उपस्थित थे.
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