भोपाल, 28 अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) संजीव कुमार झा ने मंगलवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लिए राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में भाग लेना आवश्यक है क्योंकि उन्होंने इसकी पवित्रता पर सवाल उठाए हैं।
आयोग ने सोमवार को नवंबर से फरवरी के बीच 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर कराने की घोषणा की।
जिन राज्यों में एसआईआर होना है, उनमें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी झा और संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी राम प्रताप सिंह जादौन ने यहां पत्रकारों को बताया, “राजनीतिक दलों के लिए एसआईआर में भाग लेना जरूरी है क्योंकि उन्होंने पहले भी इसकी पवित्रता पर सवाल उठाए हैं। उन्हें इस प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अपने बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) भी नियुक्त करने चाहिए।”
उन्होंने बताया कि 1951 से 2004 के बीच देश में आठ बार एसआईआर की प्रक्रिया अपनाई गई और आखिरी बार ऐसा लगभग 21 साल पहले 2002-2004 में किया गया था।
अधिकारी ने बताया, “” मध्यप्रदेश में एसआईआर आखिरी बार एक जनवरी, 2003 को किया गया था।’ जादौन ने बताया कि मतदाता सूची में बदलाव मतदाताओं के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने, उन्हें नए स्थान पर पंजीकृत कराने, मृतकों और विदेशी नागरिकों के नाम सूची से हटाने के आधार पर किया जाता है।
उन्होंने बताया कि एसआईआर के तहत एक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) आवश्यक फॉर्म भरवाने के लिए कम से कम तीन बार किसी भी मतदाता के घर जाएगा।
अधिकारी के अनुसार, बीएलओ यह भी सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पात्र नागरिक एसआईआर में छूट न जाए और अपात्र लोगों का नाम भी मतदाता सूची में शामिल न हो।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 5.74 करोड़ मतदाता हैं और 65,000 से अधिक मतदान केंद्र हैं।
अधिकारी ने बताया कि प्रति मतदान केंद्र पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,200 से अधिक नहीं होगी और इससे राज्य में बूथों (मतदान केंद्रों) की संख्या 72,000 से अधिक हो जाएगी।
इससे पहले, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन सदन में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
बैठक के दौरान झा ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मतदाता सूचियों की एसआईआर 2025 की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।
भाषा दिमो जितेंद्र
जितेंद्र
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
