चंडीगढ़, तीन मई (भाषा) पंजाब के साथ नदी जल बंटवारे को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी नीत हरियाणा सरकार ने शनिवार को यहां सर्वदलीय बैठक की और इसमें पड़ोसी राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार से भाखड़ा बांध से ‘‘बिना शर्त’’ पानी छोड़ने की अनुमति देने का आग्रह किया गया।
हरियाणा सरकार का यह कदम एक दिन पहले पंजाब में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद सामने आया है। पंजाब में हुई सर्वदलीय बैठक में राज्य सरकार द्वारा भाजपा शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार करने का समर्थन किया गया था।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के पानी छोड़ने के निर्देश का पालन न करना ‘‘असंवैधानिक, अमानवीय’’ और संविधान के संघीय ढांचे पर हमला है।
सैनी ने बैठक में शामिल विभिन्न दलों के नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सर्वदलीय बैठक में फैसला किया गया कि पंजाब की भगवंत मान सरकार को तुरंत और बिना शर्त पानी छोड़ना चाहिए।’’
बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें पंजाब सरकार से अपील की गई कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की तकनीकी समिति द्वारा 23 अप्रैल तथा 30 अप्रैल को लिए गए निर्णयों को बिना शर्त तत्काल लागू किया जाए।
राज्य के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प जताते हुए सैनी ने कहा कि ‘‘हमारा रास्ता टकराव का नहीं, बल्कि सहयोग का है।’’ उन्होंने भगवंत मान सरकार से ‘‘पड़ोसी के दर्द को समझने’’ का आग्रह किया।
सैनी ने कहा, ‘‘उन्हें (पंजाब सरकार) पानी छोड़ने पर अमानवीय, असंवैधानिक, अवैध और अनुचित प्रतिबंध को तुरंत हटाना चाहिए। हम कोई भी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।’’
शनिवार को हुई बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्य की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, ऊर्जा मंत्री अनिल विज, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदय भान, जननायक जनता पार्टी (जजपा) के दुष्यंत चौटाला, आम आदमी पार्टी (आप) के सुशील गुप्ता और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के रामपाल माजरा मौजूद थे।
इससे एक दिन पहले, पंजाब में आप सरकार ने भी इसी तरह की बैठक की जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई सहित विभिन्न दलों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई।
पंजाब सरकार ने भाजपा शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया है, जिससे नया विवाद पैदा हो गया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि उनकी सरकार पड़ोसी राज्य को और पानी छोड़ने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103 प्रतिशत उपयोग कर चुका है।
मान ने कहा था कि पंजाब सरकार ने मानवीय आधार पर छह अप्रैल से हरियाणा को प्रतिदिन 4,000 क्यूसेक पानी आवंटित किया है।
भाषा शफीक पवनेश
पवनेश
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