मुंबई, 31 मई (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राज्य की सभी बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं की न्यायिक जांच कराने की मांग की।
सपकाल ने यह मांग ऐसे समय में की है, जब एक दिन पहले मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने कहा था कि वह ठाणे क्षेत्र में गायमुख-घोड़बंदर-भयंदर परियोजना से जुड़ी दो निविदाओं को रद्द कर रहा है और ‘व्यापक जनहित की रक्षा के लिए’ नए सिरे से बोलियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि घोड़बंदर-भयंदर सुरंग परियोजना और मुंबई एलिवेटेड सड़क परियोजना में 3,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है।
सपकाल ने कहा, ‘‘सभी प्रमुख परियोजनाओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए।’’
उन्होंने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को एक ‘झटका’ दिया है, जिसे दो निविदाओं को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार सामने आए थे।
सपकाल ने आरोप लगाया कि समृद्धि राजमार्ग, पुणे रिंग रोड, विरार-अलीबाग गलियारा और शक्तिपीठ राजमार्ग परियोजनाएं भ्रष्टाचार का गढ़ बन गई हैं।
राज्य सरकार की एजेंसी एमएमआरडीए ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘लोगों का विश्वास को मजबूत करने और करदाताओं के धन का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने’ के लिए गायमुख-घोड़बंदर-भयंदर परियोजना से जुड़ी दो निविदाओं को स्वेच्छा से रद्द कर रही है, और वह आधार लागत में लगभग 3,000 करोड़ रुपये की कमी करने पर विचार कर रही है।
उच्चतम न्यायालय अवसंरचना निर्माण से जुड़ी दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उसे परियोजनाओं के लिए बोली लगाने के लिए अयोग्य ठहराने के एमएमआरडीए के फैसले को चुनौती दी गई है।
भाषा संतोष सुभाष
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