नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा (एआईकेएमएस) ने नए वन सरंक्षण नियम के खिलाफ बुधवार को दिल्ली में धरना-प्रदर्शन किया।
संगठन ने आरोप लगाया कि नए नियम वनों में रहने वाले लोगों और आदिवासियों के अधिकारों में अतिक्रमण करेंगे।
एआईकेएमएस ने कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार और पंजाब के विभिन्न आदिवासी समूह राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर जमा हुए और वन संरक्षण नियम-2022 को लेकर जारी अधिसूचना वापस लेने की मांग की।
कीर्ति किसान संघ के रमिंदर सिंह पटियाला ने आरोप लगाया कि अधिसूचित नियम के तहत वन में रहने वाले लोगों और आदिवासियों को ‘‘उनकी मंजूरी के बिना विस्थापित किया जाएगा।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में आरोप लगाया ,‘‘ नए नियम वन में रहने वाले लोगों और आदिवासियों के अधिकारों में अतिक्रमण करते हैं। यह केंद्रीयकृत शक्ति है। केंद्र चाहता है कि वनों को आदिवासियों से लेकर उद्योग घरानों को सौंप दिया जाए।’’
इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा था कि नए वन संरक्षण नियमों में ‘‘वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों को कमजोर नहीं किया गया है। उन्होंने नए नियमों के तहत कथित तौर पर वनों में रहने वाले लोगों की बिना सहमति के वनों के काटने को लेकर जताई गई चिंता भी शांत करने की कोशिश की थी।
भाषा धीरज नरेश
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