नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में मारे गये 40 जवानों का पार्थिव शरीर लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज देर शाम पालम हवाई अड्डा पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण सहित भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद थे. पीएम ने श्रद्धांजलि देने के बाद 2 मिनट का मौन रखा और परिक्रमा की.
Delhi: Congress President Rahul Gandhi and Union Minister Rajyavardhan Singh Rathore lay wreaths on the mortal remains of the CRPF jawans. #PulwamaTerrorAttack pic.twitter.com/I0gOjmriEV
— ANI (@ANI) February 15, 2019
इन जवानों को नम आंखों से श्रद्धांजलि
उप्र से 12 जवानों ने नम की आंखेंः मारे गये 40 जवानों में से आइए अलग-अलग राज्यों के 18 जवानों के घर का हाल बताते हैं. इनमें उत्तर प्रदेश से 12 जवान शहीद हुए हैं. जवानों के शहीद होने की खबर के बाद से इनके घरों में मातम पसरा हुआ है. आतंकी हमले में शहीद जवानों में एक उन्नाव जिले का है, जिसका नाम अजीत कुमार आजाद था. आजाद 15वीं बटालियन में सीआई के पद तैनात थे. उनके शहीद होने की खबर के बाद पूरे इलाके मे मातम है. इसके अलावा शामली के जवान प्रदीप, कन्नौज के प्रदीप सिंह और आगरा के कौशल रावत भी इस हमले में शहीद हो गए हैं. देवरिया के विजय मौर्या का नाम भी शहीदों में शामिल है. महाराजगंज के निवासी पंकज त्रिपाठी भी शहीद हुए हैं. महाराजगंज में मातम का माहौल है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. लोग परिजनों को ढांढस बंधाने उनके घर पहुंच रहे हैं.
महाराष्ट्र से 2 जवानों ने रुलायाः वहीं जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों में महाराष्ट्र के भी दो जवान हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. महाराष्ट्र के दोनों शहीद चोरपंगड़ा गांव निवासी शिवाजी राठौर और मल्कापुर गांव निवासी संजय राजपूत हैं. दोनों जवान राज्य के विदर्भ क्षेत्र के बुलढ़ाना जिले से थे. किसान परिवार से आने वाले राठोर (36) के छोटे भाई प्रवीन राठोर ने बताया कि वे 2006 में सेना में भर्ती हुए थे. वे शादीशुदा थे और उनके दो नाबालिग बच्चे हैं.
खेती करने वाले प्रवीन ने आईएएनएस से कहा, ‘खबर सुनकर हम टूट गए. हमारे बूढ़े माता-पिता व्यथित हैं.’ प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, राजपूत के परिवार में उनकी पत्नी हैं.
पंजाब के 4 जवानों ने दिया मातमः जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर गुरुवार को हुए हमले में पंजाब के चार जवान शहीद हो गए. शहीद हुए जवानों के गांवों में शोक की लहर है और उनके अंतिम संस्कार के लिए परिजन उनके शवों के आने का इंतजार कर रहे हैं. ग्रामीणों और शहीदों के परिजनों ने हमले पर अपना गुस्सा निकाला और मांग की कि केंद्र सरकार को इन मौतों का बदला लेना चाहिए और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को करारा जवाब देना चाहिए.
पंजाब के चार शहीदों में मोगा जिले के जैमाल सिंह, तरन तारन के सुखजिंदर सिंह, गुरदासपुर के मनिंदर सिंह अत्री और रोपड़ के कुलविंदर सिंह शामिल हैं. एक ग्रामवासी गुरनाम सिंह ने कहा, ‘सुखजिंदर का सात महीने का एक बेटा है जिसका जन्म आठ साल बाद हुआ है. वह कुछ दिन पहले ही अपने बेटे की पहली लोहड़ी पर घर आया था और हाल ही में वापस गया था.’
मोगा जिले के धरमकोट उपखंड में घलौटी गांव निवासी जैमाल सिंह (44) उस बस का चालक था जिस पर आतंकवादियों ने हमला किया था. उनके पिता जसवंत सिह ने कहा, ‘हमारा बेटा देश के लिए शहीद हो गया. हालांकि इसकी भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन हमारी सरकार और सेना को पाकिस्तान की इस कायराना हरकत के लिए उसे सबक सिखाना चाहिए.’
जैमाल सिंह के घर में उनके बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी, 10 वर्षीय बेटा और छोटा भाई है. मनिंदर सिंह अत्री के पिता सतपाल अत्री ने कहा कि उनका बेटा 13 फरवरी को ही छुट्टी के बाद ड्यूटी पर गया था और उसने जम्मू पहुंचने के बाद फोन किया था. अत्री ने कहा, ‘वह अगले दिन ही शहीद हो गया. हमें उसकी कमी खलेगी, लेकिन हमें उस पर गर्व है.’
मनिंदर सिंह का छोटा भाई भी सीआरपीएफ में हैं और वर्तमान में असम में तैनात है.
पुलवामा हमले में शहीद हुए एक अन्य सैनिक रोपड़ जिले में आनंदपुर साहिब निवासी कुलविंदर सिंह हैं। उनकी 2019 में शादी होने वाली थी. पंजाब और हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर आतंकवाद-विरोधी प्रदर्शनों की खबरें आई हैं.
गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के जन्म के बाद से घाटी में हुए सबसे घातक हमले में सीआरपीएफ के लगभग 40 सैनिक शहीद हो गए और 38 अन्य घायल हो गए. गुरुवार को पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी अपनी एसयूवी को सीआरपीएफ जवानों की बस में टक्कर मारकर उड़ा दिया था.