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रविवार, 8 जून, 2025
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शराब और धूम्रपान क्षीण कर रहा संतान सुख का सपना : विशेषज्ञ

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मुंबई, आठ जून (भाषा) महिलाओं में बढ़ती प्रजनन समस्याओं के बीच चिकित्सकों का कहना है कि तंबाकू, मद्यपान और धूम्रपान धीरे-धीरे संतान सुख के सपने को कमजोर कर रहे हैं और गर्भपात के खतरे को बढ़ा रहे हैं।

चिकित्सकों के मुताबिक, धूम्रपान से गर्भपात और गर्भाशय नाल में ही भ्रूण के फंसे रहने का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही इससे शुक्राणुओं में डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) को भी क्षति पहुंचती है, जिससे गर्भपात और जन्मजात विकृतियां हो सकती हैं।

महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं।

यहां के खारघर स्थित मदरहुड अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुजा थॉमस ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि प्रजनन संबंधी समस्याएं न केवल उम्र, तनाव या प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होती हैं, बल्कि धूम्रपान और शराब पीने से भी होती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन बुराइयों को अकसर व्यक्तिगत पसंद के रूप में देखा जाता है, लेकिन ये प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करती हैं। कई लोगों का मानना ​​है कि गर्भधारण की योजना बनाते समय ही इन आदतों को कम करना या रोक देना पर्याप्त है।’’

डॉ. थॉमस ने हालांकि कहा कि इन बुराइयों से पूरी तरह बचना आवश्यक है क्योंकि ये पदार्थ प्रजनन अंगों, हार्मोन और यहां तक ​​कि भावी संतानों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ये हार्मोन में असंतुलन पैदा कर सकते हैं, मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं, प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं और गर्भपात की आशंका बढ़ा सकते हैं। लंबे समय तक उपयोग से भ्रूण के विकास को भी नुकसान पहुंच सकता है, जिससे गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जटिलताएं हो सकती हैं। प्रजनन स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देकर इन बुराइयों को छोड़ने का यह सही समय है।’’

इसी तरह का विचार उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित मदरहुड अस्पताल की वरिष्ठ प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजू गुप्ता ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि धूम्रपान पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं में, यह अंडाणुओं को नुकसान पंहुचाता है, गर्भाशय नाल को क्षति पहुंचाता है, और गर्भपात तथा गर्भाशय नाल में ही भ्रूण के फंसे रहने के जोखिम को बढ़ाता है। यह गर्भाशय को भी प्रभावित करता है, जिससे निषेचित अंडाणु का प्रतिरोपण कठिन हो जाता है। पुरुषों में धूम्रपान शुक्राणुओं की संख्या को कम करता है, और शुक्राणु में डीएनए को नुकसान पहुंचाता है, जिससे गर्भपात और होने वाले बच्चे में जन्मजात विकृति हो सकती है।’’

भाषा धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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