नई दिल्ली : दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ वायु गुणवत्ता की चपेट में हैं, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 221 से 341 के बीच है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासियों के लिए खतरे की घंटी है.
बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 15-पाइंट शीतकालीन कार्य योजना के बावजूद, खराब होती वायु गुणवत्ता को लेकर सरकार का संघर्ष जारी है.
जबकि ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ जैसी पहल के बावजूद वाहनों और बायोमास जलने से होने वाला उत्सर्जन PM2.5 के स्तर को बढ़ा रहा है, 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक क्षेत्र के लिए ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान के साथ धुंध छाए रहने की संभावना है.
रविवार सुबह दिल्ली में AQI 309 दर्ज किया गया.
SAFAR-India के ताजा आंकड़ों के अनुसार, सुबह के समय दिल्ली विश्वविद्यालय के आसपास हवा की गुणवत्ता 341 (बहुत खराब) दर्ज की गई, जबकि IIT क्षेत्र में यह 300 दर्ज की गई. इसी तरह, लोधी रोड क्षेत्र में यह ‘खराब’ कटेगरी 262 दर्ज की गई..
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर अपने बुलेटिन में पूर्वानुमान लगाया कि दिल्ली में अलग-अलग दिशाओं से 04-08 किमी प्रति घंटे की गति से सतही हवा चलने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप 29 अक्टूबर को सुबह मुख्य रूप से आसमान साफ रहेगा और धुंध रहेगी.
इसके अलावा, ‘खराब’ श्रेणी में आते हुए, आईआईटी दिल्ली क्षेत्र में एक्यूआई 300 और मथुरा रोड क्षेत्र में 228 दर्ज किया गया. 323 के एक्यूआई के साथ हवाई अड्डे (टी3) पर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में थी.
इस बीच, नोएडा में AQI 317 (बहुत खराब) और गुरुग्राम में 221 (खराब) दर्ज किया गया.
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए एक-एक कर 15 सूत्री शीतकालीन कार्ययोजना लागू की जा रही है.
राय ने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले वाहनों, बायोमास जलने, धूल आदि से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए 15-सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की थी. अब प्रदूषण को कम करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में इस शीतकालीन कार्य योजना को एक-एक करके जमीन पर लागू किया जा रहा है.”
दिल्ली के मंत्री ने कहा कि चूंकि प्रदूषण का एक बड़ा कारण वाहन हैं, इसलिए उन्होंने गुरुवार को ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया है.
दिल्ली के मंत्री ने कहा, “अब डेटा कहता है कि AQI में पार्टिकुलेट मैटर (PM) 10 का स्तर कम हो रहा है और PM2.5 का स्तर बढ़ रहा है. इसका मतलब है कि वाहनों और बायोमास जलने से होने वाला प्रदूषण बढ़ रहा है. इसके लिए ‘रेड लाइट ऑन’ ‘गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया गया है.
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता और मौसम बुलेटिन के अनुसार, 29 से 31 अक्टूबर, 2023 तक वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने की संभावना है.
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