scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशअपनी कुर्सी बचाने के लिए समुदाय विशेष पर अन्याय करवा रहे योगी, नहीं भरूंगा एनआरसी फॉर्म: अखिलेश

अपनी कुर्सी बचाने के लिए समुदाय विशेष पर अन्याय करवा रहे योगी, नहीं भरूंगा एनआरसी फॉर्म: अखिलेश

अखिलेश ने कहा कि अगर मन टटोला जाए तो 300 विधायक योगी से नाराज हैं. वो इससे घबराए हुए हैं और अपनी कुर्सी बचाने के लिए पुलिस के जरिए नाइंसाफी करवा रहे हैं.

Text Size:

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश में नए नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में एक समुदाय विशेष पर अन्याय करवा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पता है कि भाजपा के 200 विधायकों ने विधानसभा में उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया था लिहाजा वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुसलमानों पर अन्याय करवा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर मन टटोला जाए तो 300 विधायक योगी से नाराज हैं. योगी इस बात से घबराए हुए हैं और अपनी कुर्सी बचाने के लिए पुलिस के जरिए नाइंसाफी करवा रहे हैं.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की अगर उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी.

उन्होंने कहा कि तब यह जाहिर हो जाएगा कि हिंसा के दौरान जो भी लोग मरे, वे पुलिस की गोली से मारे गए. हिंसा के शिकार हुए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी भाजपा के लोग अपने हिसाब से बनवा रहे हैं. आखिर क्या वजह है कि सरकार सच छिपाना चाहती है.

नहीं भरूंगा एनपीआर के लिये फार्म: अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को देश के गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ करार देते हुए कहा कि वह एनपीआर के लिये कोई फार्म नहीं भरेंगे. अखिलेश ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा ‘चाहे एनआरसी हो या एनपीआर, यह हर गरीब, हर अल्पसंख्यक और हर मुस्लिम के खिलाफ है.’

उन्होंने सभाकक्ष में बैठे सपा के छात्र नेताओं से मुखातिब होते हुए कहा ‘सवाल यह है कि हमें एनपीआर चाहिये या रोजगार? अगर जरूरत पड़ी तो मैं पहला व्यक्ति होउंगा जो कोई फार्म नहीं भरेगा. आप साथ देंगे कि नहीं. नहीं भरते हैं तो हम और आप सब निकाल दिये जाएंगे. हम तो नहीं भरेंगे, बताओ आप भरोगे?’

सपा अध्यक्ष ने कहा कि जो पुलिसकर्मी नये नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने वाले लोगों पर लाठियां चला रहे हैं, उन्हें बताया जाना चाहिये कि उनसे भी उनके माता—पिता का प्रमाणपत्र मांगा जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय लोग ऐसे लोगों से भारत बचाएं जो संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब इसलिये किया जा रहा है ताकि जनता अपनी बुनियादी समस्याओं और देश की बदहाल अर्थव्यवस्था के बारे में सवाल न पूछे. उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी के वक्त कहा था कि भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, मगर वह बात झूठ निकली. नोटबंदी के कारण अनेक बैंक डूब गये. जीएसटी से कारोबारी बर्बाद हो गये. हालत यह है कि देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू से निकलकर आईसीसीयू में पहुंच गयी है. अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार ने युवाओं को लैपटाप दिया और भाजपा शौचालय की तरफ ले जा रही है. इस फर्क को समझिये.

इससे पहले मायावती ने भी किया हमला

हुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मेरठ में अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान चले जाने की धमकी दे रहे एक पुलिस अधिकारी की भाषा और आचरण की कड़ी निंदा करते हुए ऐसे पुलिसकर्मियों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

मायावती ने रविवार को किए गए ट्वीट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय हैं ना कि पाकिस्तानी. संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान खासकर उत्तर प्रदेश के मेरठ एसपी सिटी का उनके लिए साम्प्रदायिक भाषा/टिप्पणी की प्रयोग करना अति निन्दनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है.’

उन्होंने मांग की कि ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिये और दोषी होने के सही सबूत मिलने पर उनको तुरन्त नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिये. मालूम हो कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में मेरठ के पुलिस अधीक्षक (नगर) अखिलेश नारायण सिंह एक समुदाय विशेष के लोगों को पाकिस्तान चले जाने को कहते दिख रहे हैं.

share & View comments