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लखनऊ, 31 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर लोगों को त्योहार खुलकर मनाने से रोकने के लिए बाधाएं खड़ी करने का आरोप लगाया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष यादव ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा देश को संविधान के अनुरूप नहीं चला रही है।
ईद के मौके पर यहां ऐशबाग ईदगाह पहुंचे सपा प्रमुख ने पत्रकारों से बातचीत में पुलिस पर ऐशबाग ईदगाह के अंदर जाने से रोकने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘ईद के मौके पर इतनी बैरिकेडिंग क्यों की गयी? पुलिस ने मुझे रोका और जब मैंने उनसे पूछा कि वे मुझे क्यों रोक रहे हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।’’
यादव ने कहा, ‘‘इसे तानाशाही कहना चाहिए या ‘आपातकाल’? मैंने कभी ऐसी बैरिकेडिंग नहीं देखी, जो लोगों को उनके त्योहार मनाने से रोकने के लिए की गयी हो…।’’
यादव ने सवाल पूछते हुए कहा कि यह क्या दूसरे धर्म के त्योहार में शामिल होने से रोकने का दबाव बनाने की कोशिश नहीं है? उन्होंने कहा, ‘‘ईद मनाई जा रही है और नवरात्र के कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं। इस भारत की यही खूबसूरती है कि हम सब मिलकर एक साथ त्योहार मनाते हैं।’’
ईद की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘आज पूरे प्रदेश और देश को मुबारकबाद देना चाहता हूं।’’ सपा प्रमुख ने कहा कि ईद पर सिवइयां भी खाने को मिलती हैं, और यह जो मिठास है यह पूरे साल याद रहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश बहुत बड़ा देश है, यहां पर सदियों से हम मिलकर रहते आए हैं। यहां इतनी जाति, धर्म के लोग मिलकर रहते हैं, त्योहार मनाते हैं, एक दूसरे की खुशियां बांटते हैं, वहीं दुख, तकलीफ में भी शामिल होते हैं।’’
यादव ने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘भाजपा ना संविधान पर, ना लोकतंत्र पर, ना देश के कानून पर भरोसा करती है।’’
सपा प्रमुख ने लोनी (गाजियाबाद) से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के विधायक अपनी पार्टी पर हमला नहीं कर रहे थे, बल्कि अधिकारियों को चुनौती दे रहे थे।
यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हालिया टिप्पणियों का भी समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा उनके खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चला रही है, जैसा उसने उत्तर प्रदेश में किया था।
कांवड़ यात्रा के कारण सड़कों पर जाम लगने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने टिप्पणी करने से परहेज किया।
भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के निलंबित अधिकारी अभिषेक प्रकाश के मामले का जिक्र करते हुए यादव ने कहा, ‘‘यह पूरा विवाद कमीशन के बारे में नहीं बल्कि बंटवारे को लेकर था। अगर हिस्सेदारी का सही तरीके से निपटारा किया गया होता, तो कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं होती।’’
भाषा आनन्द संतोष आशीष
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