लखनऊ, आठ मई (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को ‘अक्षम’ करार देते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार के शासन में राज्य में अभूतपूर्व स्तर का भ्रष्टाचार हुआ है।
यादव ने यहां लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन (एक लाख करोड़) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर भी तंज किया।
उन्होंने पूछा, ‘सरकार ने हमें एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना तो दिखाया लेकिन सवाल यह है कि रोजगार कहां है, नौकरियां कहां हैं, निवेश कहां है? वो निवेश के जो आंकड़े दिखा रहे हैं, अगर वे सही होते, तो नौकरियां भी तो होतीं।’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए राज्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा, ‘हमने 165 करोड़ और 300 करोड़ रुपये की कर चोरी देखी है। ये संगठित घोटाले हैं जिनका मकसद कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाना है। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है और इसकी वजह से महंगाई भी बढ़ रही है।’
यादव ने राज्य में शिक्षा और रोजगार की कथित खराब स्थिति की भी आलोचना की और बढ़ते हुए निजीकरण तथा सरकारी सहायता की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने सस्ती शिक्षा और बेहतर नौकरियों का वादा किया था, लेकिन उन्होंने केवल डिलीवरी-बॉय रोजगार दिया है। पीडीए परिवारों- (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों) से शिक्षा, रोजगार और अवसर छीने जा रहे हैं।’
साइबर अपराध के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि डिजिटल गवर्नेंस के बड़े-बड़े दावों के बावजूद साइबर धोखाधड़ी में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। आईएएस अधिकारी, चिकित्सक, पुलिस अधिकारी, कोई भी सुरक्षित नहीं है। यहां तक कि जानकार लोग भी इन घोटालों का शिकार हो रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
यादव ने ऐलान किया कि वर्ष 2027 में होने वाला उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ का होगा।
उन्होंने कहा, “शिक्षित युवा, नौकरी के इच्छुक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा रोजगार चाहने वाले लोग इस सरकार को हटा देंगे।”
यादव ने कहा, “एक परिवार को इलाज के लिए गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर तय करना पड़ा। मुख्यमंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति की कल्पना करें। अगर एक जिला जहां मुख्यमंत्री अक्सर सार्वजनिक बैठकें करते हैं, वहां बुनियादी उपचार नहीं हो सकता है तो वहां मेडिकल कॉलेज या एम्स होने का क्या मतलब है?”
उन्होंने सरकार के निजीकरण के कथित प्रयास को ‘शर्मनाक’ करार दिया और आगाह किया कि सार्वजनिक संपत्ति को सुनियोजित तरीके से बेचा जा रहा है।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, “अगर सब कुछ बेचा जा रहा है, तो सरकार को कम से कम यह बताना चाहिए कि क्या बचा है। यहां तक कि लखनऊ में जयप्रकाश नारायण कन्वेंशन सेंटर भी बिकने के लिए तैयार है।”
पीलीभीत, बहराइच और श्रावस्ती जैसे जिलों में मदरसों तथा अवैध अतिक्रमण पर राज्य सरकार की कार्रवाई पर चुटकी लेते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘यहां तक कि मुख्यमंत्री के आवास का भी स्वीकृत नक्शा नहीं है।’
यादव ने यह भी कहा कि सपा कार्यकर्ता अब पार्टी के जमीनी संगठन को खड़ा करने के लिए हर गांव और कस्बे में पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा, ‘हमारे कार्यकर्ता जनता के वास्तविक मुद्दों को लोगों तक ले जाएंगे और नयी सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।’
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सलीम, रवि कांत रवि कांत
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