सारण/ भोजपुर (बिहार), 30 अगस्त (भाषा) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को राहुल गांधी के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए और बिहार की जनता का आह्वान किया कि वो ‘मगध'(बिहार) में भी उसी तरह भारतीय जनता पार्टी को हराए, जैसे पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों ने उसे ‘अवध’ (उत्तर प्रदेश) में हराया था।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निर्वाचन आयोग को ‘जुगाड़ आयोग’ बना दिया है।
उन्होंने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के तहत आरा (भोजपुर) में आयोजित सभा में उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए कहा, ‘हम लोगों ने मिलकर अवध में हराया था, इस बार मगध में भारतीय जनता पार्टी को हराने की जिम्मेदारी आपकी है।’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सारण से इस यात्रा का हिस्सा बने।
राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी और महागठबंधन के कुछ अन्य नेता एक खुली जीप पर सवार थे और जगह- जगह उत्साही भीड़ का अभिवादन स्वीकार किया।
अखिलेश यादव से पहले द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल हो चुके हैं।
यादव ने कहा कि बिहार का महत्वपूर्ण चुनाव है, जिस पर पूरे देश की निगाहें हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का उत्साह बता रहा है कि बिहार के लोग भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं नारा दे रहा हूं: अबकी बार, भाजपा बिहार से बाहर।’
उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा ‘इस्तेमाल पार्टी’ है, यह लोगों का इस्तेमाल करती है। यह इस्तेमाल करेगी, फिर उसके बाद लोगों को बर्बाद कर देगी।’
उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भाजपा से मिलकर काम कर रहा है और भाजपा ने इसको ‘जुगाड़ आयोग’ बना दिया है।
यादव ने कहा, ‘बिहार की जनता ने यह भी देखा है कि जहां युवा पलायन करते थे, उन्हें तेजस्वी ने नौकरी-रोजगार दिया था। इस बार भाजपा का पलायन होने जा रहा है।’
सपा अध्यक्ष ने 1990 में लालकृष्ण आडवाणी को समस्तीपुर में गिरफ्तार किए जाने के प्रकरण का परोक्ष रूप से हवाला दिया और कहा, ‘एक बार पहले भी इसी बिहार ने भाजपा का रथ रोका था, इस बार भी बिहार की जनता उनका रथ रोकेगी।’
उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से बढ़कर ‘सिरफिरा फैसला’ कोई दूसरा नहीं हो सकता।
यादव ने दावा किया, ‘यह पहले वोट का अधिकार छीनेंगे, फिर राशन का अधिकार छीन लेंगे, फिर नौकरी का अधिकार छीनेंगे, यह हमको सड़क पर लाना चाहते हैं। भेदभाव और अन्याय के खिलाफ जो लड़ाई पांच हजार साल से चल रही है, वह अब भी जारी है।’
उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान का हवाला देते हुए कटाक्ष किया, ‘हम 5,000 वर्षों की सामाजिक असमानता के बारे में बात करते हैं। लेकिन वे (भाजपा-आरएसएस) दावा करते हैं कि मौजूदा व्यवस्था 40,000 साल पुरानी है।’
उन्होंने कहा कि अधिकार बचेगा, तो लोकतंत्र बचेगा, लोकतंत्र बचेगा तो संविधान बचेगा और यह संविधान हमारे लिए संजीवनी है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा और कहा, ‘जो लोग हमें और आपको डरा रहे हैं, वह आजकल सबसे ज्यादा ट्रंप से डर रहे हैं। टैरिफ लगाकर हमारे तमाम कारोबारी के सामने संकट पैदा किया।’
भाषा हक पवनेश दिलीप
दिलीप
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