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Saturday, 23 August, 2025
होमदेशअजित पवार ने अवैध राजनीतिक बैनरों पर नाराजगी जतायी, अधिक पोस्टर लगाने वाले को वोट ना देने को कहा

अजित पवार ने अवैध राजनीतिक बैनरों पर नाराजगी जतायी, अधिक पोस्टर लगाने वाले को वोट ना देने को कहा

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पुणे, 23 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि जो नेता काम करते हैं उन्हें बैनर लगाने की जरूरत नहीं है तथा जनता से उन लोगों को वोट नहीं देने को कहा जो बहुत सारे अवैध पोस्टर लगाते हैं।

पवार पुणे के निकट पिंपरी-चिंचवड में सफाई कर्मचारियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

शहर में अवैध राजनीतिक होर्डिंग पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा, ‘होर्डिंग पर, ‘देवाभाऊ’ (मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस) की तस्वीर एक तरफ है, अजित पवार की दूसरी तरफ है, लेकिन उन्हें लगाने वाले व्यक्ति की तस्वीर हमारी तुलना में कहीं बड़ी है।’’

पुणे जिले के प्रभारी मंत्री पवार ने जनता से उन लोगों को वोट नहीं देने का आग्रह किया जिन्होंने बहुत अधिक अवैध बैनर लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बारामती (अपने गृह क्षेत्र) में आदेश दे दिए हैं। कोई भी अवैध होर्डिंग नहीं लगायी जाएगी। जो लोग काम करते हैं उन्हें बैनर की जरूरत नहीं होती।’’

कार्यक्रम के दौरान, उप-मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष अजित पवार ने सफ़ाई कर्मचारियों को सम्मानित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘सफाई कर्मचारियों का ध्यान रखें। उन्हें उचित घर और सुविधाएं दी जानी चाहिए। अगर कोई अब भी हाथ से मानव मल साफ कर रहा है, तो हमें तुरंत सूचित करें। हम संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिंपरी-चिंचवड शहर में हर दिन 1,400 टन कचरा निकलता है… राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन असली सवाल यह है कि इन वाहनों की बैटरियां खत्म हो जाने के बाद, हम उनका निस्तारण कैसे करेंगे? यह एक बड़ी चिंता का विषय होगा।’’

उन्होंने श्रावणी टोंगे (15) को भी बधाई दी, जिसे हाल ही में जर्मनी के यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज नेटवर्क के तहत एक प्रतिष्ठित संस्थान, रॉबर्ट बॉश कॉलेज से दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए पूर्ण छात्रवृत्ति मिली थी।

सरकारी अधिकारियों के विदेश दौरों के लिए नये दिशानिर्देशों पर टिप्पणी करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारे यहां अध्ययन दौरे होते हैं, जिनमें राजनीतिक दलों के कई लोग भी जाते हैं। मुझे नहीं पता कि वहां कितना अध्ययन होता है, लेकिन ‘दौरा’ जरूर होता है। अब से, अगर प्रशासनिक अधिकारी विदेश जा रहे हैं, तो राज्य सरकार की मंजूरी अनिवार्य होगी।’

भाषा अमित संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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