पुणे, एक जून (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों में पुणे जिले में जारी किए गए शस्त्र लाइसेंसों के बारे में पड़ताल करेंगे और देखेंगे कि क्या इनके प्राप्तकर्ताओं को वास्तव में इसकी जरूरत है।
कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2021 और 2023 के बीच पुणे में 659 शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए।
अजित पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस बारे में पुणे पुलिस विभाग से जानकारी लूंगा। पुलिस के पास लाइसेंस जारी करने और उन्हें रद्द करने का अधिकार है। यह जांच-पड़ताल की जाएगी कि क्या इन लाइसेंस के धारकों को वास्तव में इनकी जरूरत है।’’
राज्य सरकार की प्रमुख ‘लाडकी बहिन योजना’ के बारे में, जिसके तहत महिलाओं को कुछ शर्तों के अधीन 1500 रुपये मासिक सहायता दी जाती है, पवार ने स्वीकार किया कि जब योजना शुरू की गई थी, तब विस्तृत निरीक्षण करने के लिए बहुत समय नहीं था।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब यह योजना शुरू की गई थी, तब हमारे पास बहुत समय नहीं था। चुनाव तुरंत आ गए, इसलिए निरीक्षण करने के लिए पर्याप्त समय नहीं था। हमने पहले ही अपील की थी कि केवल वही लोग आवेदन करें जो वास्तव में पात्र हैं।’’
कुछ लाभार्थियों के नामांकन में ‘‘गलतियां’’ स्वीकार करते हुए, उन्होंने दोहराया कि वितरित की गई राशि वापस नहीं ली जाएगी।
माना जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस सरकार 2652 महिला सरकारी कर्मचारियों से 3.58 करोड़ रुपये वसूलने वाली है, जिन्होंने अपात्र होने के बावजूद ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना के तहत लाभ उठाया।
भाषा शफीक देवेंद्र
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