नई दिल्ली : हाल ही में सिविल सर्विसेज़ 2019 के नतीजे घोषित हुए हैं. पहले और दूसरे नंबर पर आने वाले प्रदीप सिंह और जतिन किशोर ख़बरों में हैं. लेकिन टॉप 5 के अलावा और भी कैंडिडेट ऐसे हैं जिनका यहां तक का सफ़र रोचक रहा है. ऐसी ही कैंडिडेट हैं 23 साल की ऐश्वर्या श्योराण. आर्मी बैकग्राउंड से आने वाली ऐश्वर्या ने 93वीं रैंक हासिल की है. रोचक बात ये है कि इससे पहले 2016 में वो मिस इंडिया फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं.
बी प्राक के सुपर हिट गाने ‘दिल तोड़ के’ गाने से चर्चित हुए आईएएस अभिषेक सिंह ने उनकी उपलब्धि पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘न्यू ऐज ब्यूरोक्रेट्स’ सिविल सर्विस को ज़्यादा ओपन और समकालीन बनाएंगे. इस टिप्पणी को लेकर ऐश्वर्या दिप्रिंट से कहती है हैं, ‘परंपरागत दिखने वाले ब्यूरोक्रेट्स के दिन अब पुराने हुए. अब अंग्रेजों के ज़माने में दिखने वाले कलेक्टर की बजाय एक बहुमुखी व्यक्तित्व को लेकर लोगों में स्वीकार्यता है. लोगों को अब लगता है कि सिविल सर्वेंट भी उनमें से निकले साधारण लोग ही हैं. अब ब्यूरोक्रेट्स तक लोगों की पहुंच भी आसान हुई है.’
Happy to see people pursuing diverse interests in life choosing Civil Services as a career. #NewIndia needs #NewAgeOfficers who make the service more representative, more open & more contemporary!
Welcome aboard #AishwaryaSheoran Rank 93, CSE 19; a top model & now an officer!! pic.twitter.com/jCUt60aN0x— Abhishek Singh (@Abhishek_asitis) August 4, 2020
ऐश्वर्या के लिए मिस इंडिया के ऑफिशियल इन्स्टाग्राम अकाउंट से भी एक पोस्ट शेयर की गई. इस पोस्ट में लिखा है,’ ऐश्वर्या मिस इंडिया फाइनलिस्ट 2016, कैंपस प्रिंसेस दिल्ली 2016, फ़्रेश फ़ेस दिल्ली विनर 2015 रही हैं और वो सच में ब्यूटी विद ए प्रपज टाइटल को पूरा करती हैं.’
दिप्रिंट से दिए साक्षात्कार में ऐश्वर्या ने राजस्थान के एक ज़िले आने वाले अपने परिवार के बैकग्राउंड, दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और मॉडलिंग की दुनिया के बाद यूपीएसी की तैयारी करने से जुड़े पहलुओं पर बात की. वो कहती हैं, ‘मई 2018 तक मैंने अपने सारे मॉडलिंग प्रोजेक्ट्स ख़त्म कर लिए थे. मैं पूरी तरह से यूपीएससी की तैयारी करना चाहती थी. इसलिए मैंने इन्स्टाग्राम पर अपने अकाउंट और फ़ेसबुक को भी बाय बाय बोल दिया था. मैं नहीं चाहती थी कि इससे किसी भी तरह का डिस्ट्रैक्शन हो.’
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मई 2018 को सोशल मीडिया से बाय बाय कहा और ख़ुद से शुरू की तैयारी
मॉडलिंग को हॉबी और सिविल सर्विस को पैशन मानने वाली ऐश्वर्या ने दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं की पढ़ाई दिल्ली के एक स्कूल से की थी. बारहवीं क्लास में हेड गर्ल रहने के दौरान उनकी मुलाक़ात सिविल सर्वेंट्स से हुई जो स्कूल में गेस्ट के तौर पर आते थे. यहीं से उन्होंने तय कर लिया था कि सिविल सर्विस में जाना ही करियर चॉइस है.
ऐश्वर्या के पिता आर्मी में कर्नल हैं और उनकी पोस्टिंग के दौरान वो देश के विभिन्न हिस्सों में रह चुकी हैं. इतने डाइवर्स बैकग्राउंड से आने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन की. यहीं से एक दिन मॉल में घूमने के दौरान वो एक ब्यूटी कॉन्टेस का हिस्सा बनीं और मुंबई पहुंच गईं. यहां उन्होंने मिस इंडिया में हिस्सा लिया और टॉप 21 तक पहुंची.
इंटरनेट की यूपीएससी की तैयारी
अपनी तैयारी को लेकर वो बताती हैं, ‘इस पूरी तैयारी में इंटरनेट सबसे बड़ा टूल रहा है. इंटरनेट पर किताबों से लेकर पुराने इंटरव्यू, करंट अफ़ेयर्स और अख़बार सब मौजूद हैं. यहीं से मैंने अपनी बेसिक तैयारी करनी शुरू की. मैंने एक टॉपिक के लिए के किताब को ही चुना और उसका रिविजन बार बार किया. तैयारी के दौरान स्ट्रेजी बहुत जरूरी है.’
वो आगे जोड़ती हैं, ‘मैंने किसी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली. मेरे छोटे भाई ने नोट्स बनाने में काफ़ी मदद की. मुंबई में ही एक मॉक टेस्ट देने गई तो वहां कहा गया कि आप आत्मविश्वासी हो. आपको इसकी ज़रूरत नहीं है. इसके बाद इंटरव्यू की सारी तैयारी मां-पिताजी ने मुझसे सवाल पूछ-पूछ कर करवाई.’
इंटरव्यू में पूछे गए खाप पंचायतों और महिला सशक्तिकरण से जुड़े सवाल
इंटरव्यू के दौरान पूछे गए सवालों को लेकर ऐश्वर्या कहती हैं, ‘मुझसे पूछा गया कि आप शिक्षा मंत्री होतीं तो किस तरह की एजुकेशन पॉलिसी लातीं. इसके अलावा डिप्लोमेसी पर भी सवाल पूछे क्योंकि मेरा इंटरव्यू फ़रवरी में हुआ था और उस वक़्त अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत के दौरे पर थे.’
ऐश्वर्या की मां हरियाणा से हैं और पिता राजस्थान से. इंटरव्यू में उनसे खाप पंचायतों को लेकर भी सवाल पूछा गया था. सवाल कुछ ऐसा था कि आप मानती हैं कि आज के समय में खाप पंचायतों की प्रासंगिकता है? उस वक़्त दिए गए अपने जवाब को याद करते हुए ऐश्वर्या दिप्रिंट को बताती हैं, ‘मैंने कहा था सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें ग़ैर क़ानूनी बताया है. सवाल ये है कि आख़िर खाप पंचायत होती क्या है? गांव क बुजुर्गों की एक मंडली. एक ऐसा इन्स्टिट्यूट जो पितृसत्ता का हब की तरह काम करता है. औरतों के ख़िलाफ़ कई फ़ैसले सुनाता है. लेकिन अगर आज के समय में खाप पंचायतों को अपनी प्रासंगिकता बनाए रखनी है तो उनकी स्ट्रेंथ को सही तरीक़े से इस्तेमाल करना होगा. जैसे केंद्र सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान. इस अभियान को सफल बनाने में खाप पंचायतें बड़ी भूमिका निभा सकती हैं.’
ऐश्वर्या का इंटरव्यू फ़रवरी में हुआ था और उस वक़्त अमेरिका के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे. उनसे विदेशी मसलों और डिप्लोमेसी से जुड़े सवाल भी पूछे गए. लेकिन ऐश्वर्या बताती हैं कि उनकी प्राथमिकता महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और हेल्थ रहेगा. दिप्रिंट को वो बताती हैं, ‘मैं जाट समुदाय से आती हूं. मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं ये कम्युनिटी महिलाओं के डिसिजन मेकिंग में बराबर की भागीदारी ना होने के फ़ेमस या इनफेमस है. मेरे पास सपोर्ट सिस्टम रहा है. मेरे गांव वालों ने मुझे मिस इंडिया के दौरान भी समर्थन दिया था लेकिन ये तो सौ लड़कियों में से एक साथ होता है.’
हरियाणा की गीता फोगाट, साक्षी मलिक और मानुषी छिल्लर के नाम गिनाए जाने पर वो कहती हैं, ‘हम गिनी चुनी महिलाओं के उदाहरण ही दे पाते हैं. सिविल सर्विस में आने का एक बड़ा कारण ये भी रहा कि मैं ये तस्वीर बदलना चाहती थीं. मैं चाहती हूं कि सौ की सौ लड़कियां अपने फ़ैसले स्वयं लें. सबको वही सपोर्ट मिले. हमसे प्रेरित होकर लड़कियां आगे आएं.’